Stephen Fleming Admits CSK Struggling with Chepauk Pitch: IPL 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ 50 रन की करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद CSK के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने स्वीकार किया कि टीम चेपॉक की पिच को सही से पढ़ने में विफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों से चेपॉक में ‘होम एडवांटेज’ जैसी कोई चीज नहीं रही है।
चेपॉक में CSK की मुश्किलें बरकरार
चेपॉक की पिच को हमेशा से स्पिन गेंदबाजों के अनुकूल माना जाता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें बड़ा बदलाव देखा गया है। RCB के खिलाफ खेले गए मुकाबले में यह पिच तेज गेंदबाजों के लिए अधिक मददगार साबित हुई।
RCB के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड और भुवनेश्वर कुमार ने इस पिच का भरपूर फायदा उठाया और CSK की बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। दोनों गेंदबाजों ने मिलकर 7 ओवर में केवल 41 रन देकर 4 विकेट झटके और चेन्नई की 197 रन के लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीदों को खत्म कर दिया।
मैच के बाद फ्लेमिंग ने कहा, “हम कई सालों से कह रहे हैं कि चेपॉक में अब कोई घरेलू फायदा नहीं रहा। हमने पिछले कुछ सालों में कई बार बाहर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन यहां की पिच को समझने में मुश्किल हो रही है।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पिछले कुछ सालों में टीम को चेपॉक की पिच को लेकर कोई स्पष्टता नहीं रही है।
फ्लेमिंग ने कहा, “हमने हमेशा ईमानदारी से कहा है कि हमें पिछले कुछ वर्षों से यहां की पिचों को समझने में कठिनाई हो रही है। हर दिन यह अलग तरह की रहती है, और हमें नहीं पता कि हमें क्या मिलने वाला है।”
स्पिन-हैवी स्क्वॉड का दांव पड़ा उल्टा
CSK ने इस सीजन के ऑक्शन में अपनी टीम को स्पिन गेंदबाजों के इर्द-गिर्द तैयार किया था, लेकिन चेपॉक की पिच उनके लिए अनुकूल साबित नहीं हुई। आईपीएल 2024 में इस मैदान पर तेज गेंदबाजों ने 74 विकेट लिए थे, जबकि स्पिनर्स को केवल 25 विकेट मिले थे। यह आंकड़ा साफ दर्शाता है कि चेपॉक की ट्रेडिशनल स्पिन-अनुकूल पिच अब तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल हो गई है।
फ्लेमिंग ने इस बदलाव पर कहा, “यह अब पुराना चेपॉक नहीं है जहां आप सिर्फ चार स्पिनर्स के साथ खेल सकते हैं। हमें बहुत मेहनत करनी पड़ रही है यह समझने के लिए कि हर मैच में पिच का स्वभाव कैसा होगा। यह पूरी तरह से अलग हो चुकी है।”
ड्यू फैक्टर पर भी दांव गलत साबित हुआ
CSK ने अपनी रणनीति इस सोच पर बनाई थी कि दूसरी पारी में ओस (ड्यू) के चलते बल्लेबाजी आसान हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिच और धीमी हो गई, जिससे स्ट्रोक खेलना और कठिन हो गया।
फ्लेमिंग ने स्वीकार किया कि “हमने इस पिच को ठीक से नहीं पढ़ा। हमें लगा था कि ओस के कारण गेंद बल्ले पर अच्छी आएगी, लेकिन यह वास्तव में और धीमी हो गई। इससे बल्लेबाजी और मुश्किल हो गई।”
CSK के बैटिंग अप्रोच पर उठे सवाल
चेन्नई सुपर किंग्स की बैटिंग स्टाइल हमेशा से धीरे-धीरे पारी को बनाने पर केंद्रित रही है, लेकिन इस बार यह रणनीति काम नहीं आई। कई क्रिकेट विशेषज्ञों ने टीम की धीमी शुरुआत पर सवाल उठाए, लेकिन फ्लेमिंग ने इन आलोचनाओं को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, “हमारे पास पूरी बैटिंग लाइन-अप में फायरपावर है। मैं इस सवाल को समझ नहीं पा रहा हूं। सिर्फ इसलिए कि हम पहली गेंद से बड़े शॉट नहीं खेलते, इसका मतलब यह नहीं कि हम अटैकिंग क्रिकेट नहीं खेल रहे। सीजन के अंत में देखिएगा कि कौन जीतता है।”
कैसी होगी CSK की आगे की राह?
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए यह सीजन अब तक चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है। टीम को अपने घरेलू मैदान पर सही रणनीति अपनाने की जरूरत होगी। चेपॉक की बदली हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए CSK को अपने गेंदबाजी और बैटिंग कॉम्बिनेशन में बैलेंस बिठाना होगा। टीम मैनेजमेंट को यह तय करना होगा कि तेज गेंदबाजों को ज्यादा मौके दिए जाएं या फिर स्पिनर्स पर भरोसा बरकरार रखा जाए।
अगर CSK को अपने घरेलू मैदान पर जीत की राह पर लौटना है, तो उन्हें पिच के अनुकूल रणनीति बनानी होगी और अपनी ताकत के अनुसार कॉम्बिनेशन तैयार करना होगा। फ्लेमिंग के बयान से यह साफ है कि CSK फिलहाल इस बदलाव से जूझ रही है, लेकिन आने वाले मैचों में वे इससे निपटने की कोशिश करेंगे।
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