भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि खेल में तकनीक का इस्तेमाल खिलाड़ियों की चोटों की भविष्यवाणी करने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इससे खेल के इंसानी तत्व को खत्म नहीं किया जाना चाहिए।
भारतीय दिग्गज ने मजाकिया अंदाज में कहा कि अगर AI के जरिए पांच जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाज बनाए गए, तो क्रिकेट से उसका मजा और अनोखापन खत्म हो जाएगा।
राहुल द्रविड़ ने AI को लेकर क्या कहा?
मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल द्रविड़ ने कहा, “क्या हम पांच बुमराह को क्लोन कर सकते हैं? मैं मजाक कर रहा हूं, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो खेल में मजा कहां रहेगा? खेल में अनोखापन होना जरूरी है। मेरी ख्वाहिश है कि खेल को अकेला छोड़ दिया जाए और इसमें AI को ज्यादा शामिल ना किया जाए।”
उन्होंने कहा कि AI का इस्तेमाल खिलाड़ियों की चोटों की भविष्यवाणी करने के लिए किया जा सकता है। खासकर तेज गेंदबाजों के लिए यह तकनीक काफी मददगार साबित हो सकती है।
द्रविड़ ने कहा, “तेज गेंदबाजों को अक्सर पीठ में स्ट्रेस फ्रैक्चर की समस्या होती है। इतने डेटा और स्पोर्ट्स साइंस के बावजूद कोई भी यह सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि खिलाड़ी को कब चोट लगेगी। अगर AI इस समस्या का समाधान कर सके, तो यह खिलाड़ियों के करियर और जिंदगी के लिए बहुत फायदेमंद होगा।”
जसप्रीत बुमराह की चोट पर बोले राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ ने जसप्रीत बुमराह की चोट का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें इस साल की शुरुआत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान पीठ में चोट लगी थी। इस वजह से वह लंबे समय तक क्रिकेट से बाहर रहे थे। हालांकि, वह हाल ही में मैदान पर वापसी कर चुके हैं, लेकिन 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं।
द्रविड़ ने कहा, “बुमराह अनोखे हैं, क्योंकि जो वह करते हैं, उसे करना बेहद मुश्किल है। खेल को ऐसा होना चाहिए, जहां हर खिलाड़ी की अपनी अलग पहचान हो। AI का इस्तेमाल तभी किया जाना चाहिए, जब वह खिलाड़ियों की चोटों की भविष्यवाणी करने में मदद करे, लेकिन खेल से इंसानी तत्व को नहीं हटाया जाना चाहिए।”
डेटा एनालिसिस पर क्या बोले राहुल द्रविड़?
राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम के कोच रहते हुए डेटा एनालिसिस का खूब इस्तेमाल किया था। लेकिन उन्होंने कहा कि डेटा का इस्तेमाल संतुलन के साथ किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “आज के जमाने में डेटा और तकनीक का इस्तेमाल करना जरूरी है, लेकिन आप इसके गुलाम नहीं बन सकते। डेटा का इस्तेमाल तभी करें, जब वह आपके खेल को बेहतर बनाने में मदद करे।”
द्रविड़ ने खुलासा किया कि, कोच रहते हुए वह खिलाड़ियों को सिर्फ वही डेटा देते थे, जो उनके खेल के लिए जरूरी होता था और वह भी सही समय पर। बता दें कि, राहुल गंभीर से पहले टीम इंडिया के हेड कोच थे और वर्तमान समय में वह राजस्थान रॉयल्स के हेड कोच बन चुके हैं।
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