U19 Coach Reveals How Virat Kohli Bounced Back After 2014: 2014 में इंग्लैंड दौरे के बाद विराट कोहली के करियर पर सवाल उठने लगे थे। पाँच टेस्ट मैचों में सिर्फ़ 134 रन और वनडे में भी निराशाजनक प्रदर्शन ने कोहली को मानसिक रूप से झकझोर दिया था। उस सीरीज़ में जेम्स एंडरसन के सामने बार-बार फेल होना, कोहली के आत्मसम्मान को गहरी चोट पहुंचा गया था। लेकिन इसी नाकामी ने उन्हें दोबारा खड़ा कर दिया और अंडर-19 कोच लालचंद राजपूत इस बार उनके सहारा बने।
राजपूत ने हाल ही में एक बातचीत में खुलासा किया कि इंग्लैंड सीरीज़ के बाद कोहली ने खुद उन्हें फोन किया और मुंबई में एक निजी ट्रेनिंग कैंप की व्यवस्था की। कोहली को उस वक्त सलाह तो सचिन तेंदुलकर से भी मिली थी, लेकिन असली काम दो हफ्तों की कड़ी मेहनत में हुआ, जिसने उनकी बल्लेबाज़ी को नई दिशा दी।
राजपूत ने बताया, “उसका सिर थोड़ा गिर रहा था और फुटवर्क में भी थोड़ी झिझक थी। हमने सिर्फ उन्हीं दो तकनीकी पहलुओं पर फोकस किया और उसने बेहद तेजी से वो बदलाव अपनाए।”
वापसी जो मिसाल बन गई
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली ने दिखाया कि वो सिर्फ आलोचनाओं से टूटने वाले नहीं हैं। उन्होंने एडिलेड में दो शतक, फिर मेलबर्न और सिडनी में भी शतक जड़े और चार टेस्ट में 86.50 की औसत से 692 रन ने उनके आलोचकों को पूरी तरह चुप करा दिया।
उस दौरे के बाद से कोहली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अगले कुछ सालों में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में ऐसा स्तर हासिल किया जो उनके समय में खेल रहे अन्य खिलाड़ियों के लिए भी मुश्किल था। 55 मैचों में 5347 रन, औसत 63.65 और 21 शतक ये आँकड़े सिर्फ आंकड़े नहीं थे, बल्कि कोहली की सोच और मेहनत का प्रमाण थे।
राजपूत के शब्दों में, “वो कभी नंबर दो नहीं बनना चाहता था। उसकी भूख सिर्फ नंबर एक बनने की थी। यही उसकी सबसे बड़ी ताकत रही।”
टेस्ट क्रिकेट से संन्यास पर क्या बोले कोच?
हाल ही में कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का एलान किया, जिससे पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया। राजपूत भी इस फैसले से थोड़ा चौंके। उन्होंने कहा, “वो इतना फिट है कि दो-तीन साल और खेल सकता था। लेकिन ये उसका निजी फैसला है और हम उसका सम्मान करते हैं।”
राजपूत ने माना कि कोहली की गैरमौजूदगी टेस्ट क्रिकेट को खाली कर देगी। उन्होंने कहा, “वो इस फॉर्मेट से बेहद जुड़ा था। उसने हमेशा टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा दिया और जब मैदान पर उतरता था, तो उसकी ऊर्जा इसे खास बना देती थी।”
कौन भरेगा विराट और रोहित की कमी?
टेस्ट से संन्यास लेने वाले सिर्फ कोहली नहीं हैं, रोहित शर्मा भी अब इस फॉर्मेट का हिस्सा नहीं हैं। राजपूत मानते हैं कि अगली पीढ़ी पर अब बड़ी ज़िम्मेदारी होगी। “इन दोनों की जगह भरना आसान नहीं होगा, लेकिन भारत के पास टैलेंट की कोई कमी नहीं है। इंग्लैंड दौरा चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन यहीं से कोई नया खिलाड़ी उभरेगा।”
कप्तानी को लेकर क्या राय है?
राजपूत ने शुभमन गिल को भविष्य का कप्तान बताया, लेकिन साथ ही जसप्रीत बुमराह को भी प्रबल दावेदार माना। उन्होंने कहा, “जब भी रोहित नहीं होता, बुमराह ने नेतृत्व किया है और अच्छा किया है। लेकिन उसकी फिटनेस पर सवाल है, क्योंकि वो सिडनी टेस्ट से भी बाहर हो गया था।”
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