Joanna Child: क्रिकेट जैसे खेल में जहां युवा तेजी और ताकत का प्रतीक माने जाते हैं, वहीं 64 साल की जोआना चाइल्ड ने पुर्तगाल वीमेंस टीम से टी20 इंटरनेशनल डेब्यू कर दुनिया को चौंका दिया। नॉर्वे के खिलाफ एल्बरगेरिया में जब वो मैदान पर उतरीं, तो सिर्फ रन बनाने या विकेट लेने का सवाल नहीं था, यह एक जज़्बे की जीत थी। 64 साल और 184 दिन की उम्र में डेब्यू करते हुए वो दुनिया की दूसरी सबसे उम्रदराज टी20I डेब्यू करने वाली खिलाड़ी बन गईं। उनसे आगे सिर्फ जिब्राल्टर की सैली बार्टन हैं, जिन्होंने 66 साल की उम्र में डेब्यू किया था।
ड्रेसिंग रूम में सबसे सीनियर, मैदान पर सबसे दमदार

पुर्तगाल टीम की ज्यादातर खिलाड़ी 15-16 साल की उम्र की थीं। ऐसे में जोआना चाइल्ड का टीम में होना एक अलग ही वाइब लेकर आया। कप्तान सारा ने उन्हें “टीम की आत्मा” कहा और बाकी खिलाड़ियों ने भी उन्हें रोल मॉडल की तरह देखा। डेब्यू मैच में उन्होंने 8 गेंदों में 2 रन बनाए और 1 ओवर में 11 रन दिए।
सोशल मीडिया पर बनीं प्रेरणा की प्रतीक
64 की उम्र में जब कोई ग्लव्स पहनकर मैदान में दौड़ लगाता है, तो वो सिर्फ मैच नहीं खेलता, वो इतिहास की धड़कन बन जाता है। उसी तरह से जोआन ने पुर्तगाल के लिए डेब्यू करते ही सोशल मीडिया पर उनका नाम ट्रेंड करने लगा और चारों तरफ उनका ही नाम गूंज रहा है।
Congrats to Joanna Child, who made her T20I debut recently.
At 64, she becomes the 2nd oldest cricketer to make her T20I debut after Gibraltar's Sally Barton.
Portugal team also featured cricketers who were just 15, 16. The team's captain Sarah called Joanna an inspiration. pic.twitter.com/ASSaxJ1OKv
— Krithika (@krithika0808) April 10, 2025
सबसे उम्रदराज़ महिला क्रिकेटर (T20I डेब्यू के समय)
सैली बार्टन (जिब्राल्टर) – 66 साल और 334 दिन
जोआना चाइल्ड (पुर्तगाल) – 64 साल और 181 दिन
मैली मूर (केमैन आइलैंड्स) – 62 साल और 25 दिन
मार्सिया मोइटन (केमैन आइलैंड्स) – 58 साल और 192 दिन
फिलिपा स्टाहेलिन (गर्नज़ी) – 58 साल और 33 दिन
सीरीज़ भी जीती और करोड़ों दिल भी
तीन मैचों की इस सीरीज़ में पुर्तगाल ने 2-1 से जीत दर्ज की। पहला मुकाबला 16 रन से जीता, दूसरा 5 विकेट से हारा, लेकिन तीसरे मैच में 9 विकेट की शानदार जीत के साथ सीरीज़ अपने नाम की। जोआना का व्यक्तिगत प्रदर्शन भले सादा रहा हो, लेकिन उनकी मौजूदगी ने पूरी सीरीज़ का माहौल बदल दिया। उन्होंने साबित कर दिया कि सपनों की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। शतक नहीं बने, विकेट नहीं गिरे, लेकिन उन्होंने वो विरासत रच दी, जिसे हर खिलाड़ी अपनी जिंदगी में चाहता है।
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