Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए बेंगलुरु एफसी और इंटर काशी के खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधकर अपना शोक जताया। इसके चलते हुए दोनों टीम के घरेलू और विदेशी खिलाड़ी आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे। वहीं इस मैच के शुरू होने से पहले सभी खिलाड़ियों, मैच अधिकारियों और कलिंगा स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने दिवंगत आत्माओं की याद में एक मिनट का मौन भी रखा।
बीते दिन बेंगलुरु एफसी और इंटर काशी के बीच कलिंगा सुपर कप मैच का मैच खेला गया था। इस मैच के खेले जाने से पहले सभी खिलाड़ियों ने एक मिनट का मौन भी रखा था। इसके अलावा वो सभी अपनी बाजु पर काली पट्टी बांधकर उतरे। इस बीच हम बता देना चाहते हैं कि बीते मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। इनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
बाजू पर काली पट्टी बांधकर उतरे खिलाड़ी :-

इसके चलते हुए दोनों टीम के सभी खिलाड़ी आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए अपनी बाजू पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे थे। इस बीच मैच शुरू होने से ठीक पहले खिलाड़ियों, मैच अधिकारियों और कलिंगा स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने दिवंगत आत्माओं की याद में एक मिनट का मौन भी रखा।

इसके अलावा बेंगलुरु एफसी की टीम ने आतंकी हमले के पीड़ितों और घायलों के साथ अपनी हमदर्दी जताई। इसके चलते हुए आईएसएल 2018-19 चैंपियन क्लब बेंगलुरु एफसी ने अपने एक्स पर कहा है कि, “बेंगलुरु एफसी पीड़ितों, उनके परिवारों और पहलगाम हमले में प्रभावित सभी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। वहीं आज के कलिंगा सुपर कप मैच से पहले उनकी याद में एक मिनट का मौन रखा जाएगा। इसके अलावा सभी खिलाड़ी उनके सम्मान के तौर पर बांह पर काली पट्टी भी बांधेंगे।
दिग्गज फुटबॉलर सुनील छेत्री ने की आतंकी हमले की निंदा :-

इस बीच भारत के कप्तान सुनील छेत्री और बेंगलुरु एफसी ने आतंकवादियों की इस कायराना हमले की काफी निंदा भी की है। इस दौरान भारतीय कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि पहलगाम से आ रही खबर से मैं बहुत दुखी हूं। मेरे पास शब्द कम पड़ रहे हैं। वहीं मेरी संवेदनाएं इस कायराना आतंकी हमले से प्रभावित सभी परिवारों के साथ है।

इसके अलावा इंटर काशी ने आतंकवादी हमले को देश की आत्मा पर घाव बताया। इस बीच इंटर काशी ने कहा कि वो कहते हैं कि शो चलते रहना चाहिए। और चलता है। लेकिन बिना याद किए नहीं। बिना गुस्से के नहीं। इस समय पहलगाम खून से लथपथ है और हम भी। इस दौरान जो हुआ वह सिर्फ एक खबर का शीर्षक नहीं है। यह इस देश की आत्मा पर एक घाव है। आतंकवाद की सिर्फ निंदा नहीं की जानी चाहिए बल्कि उसका सामना किया जाना चाहिए और उसे हराया जाना चाहिए। हम एकजुट हैं – दुख में, गुस्से में और संकल्प में।
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