Mansukh Mandaviya: इस समय भारत में गुटबाजी के चलते हुए सभी एथलीट काफी परेशान हो रहे हैं। इस समय भारत के खेलमंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि राष्ट्रीय खेल महासंघों को सभी खिलाड़ियों पर से अपना फोकस हटाने की अनुमति नहीं देने को कहा है। इसके बाद उन्होंने सभी महासंघों से भारत की साल 2036 ओलंपिक की मेजबानी का दावा सफल करने के लिए अपनी गुटबाजी और भाई भतीजावाद खत्म करने की अपील भी की है।
इस बीच भारत के खेलमंत्री ने डिजिलॉकर में सर्टिफिकेट का पहला सेट लांच करने के मौके पर राष्ट्रीय खेल महासंघों से जुड़े मसलों पर अपनी बेबाक राय भी रखी। क्यूंकि डिजिलॉकर सभी दस्तावेजों और सर्टिफिकेट के संग्रहण का क्लाउड आधारित प्लेटफॉर्म है। जिसके चलते हुए सभी दस्तावेजों को साझा करना और प्रमाणित करना आसान हो जाएगा।
गुटबाजी को करना होगा समाप्त :-
इस बीच भारतीय खेलमंत्री मांडविया ने सभी 40 राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा है कि, “मुझे एनएसएफ में दखल देना पसंद नहीं है, लेकिन इसके यह मायने नहीं है कि खिलाड़ियों पर फोकस सरकार की नीति से भटकने की उन्हें अनुमति दी जाएगी।

इस बीच मैंने विभिन्न महासंघों के कई गुटों से बात की है। इसके बाद मैंने उनसे इस पर काम करने के लिए भी कहा है। जिसके चलते हुए किसी भी खिलाड़ी को कोई नुकसान ना हो पाए। इस बीच अब आपको सभी खिलाड़ियों का ध्यान रखना है क्यूंकि गुटबाजी होने पर उनको नुकसान होता है। वहीं अब मैं उनको इस बात की अनुमति नहीं दूंगा। अब एनएसएफ को जिम्मेदार होना होगा।
भारतीय खेल मंत्रालय देगा सभी महासंघों का साथ :-
भारत के खेल मंत्री मनसुख मांडविया का इशारा संभवत: मुक्केबाजी, फुटबॉल, कुश्ती और घुड़सवारी जैसे खेलों के महासंघों की ओर था। क्यूंकि अभी कुछ समय में उनकी अंतर्कलह, अंतरराष्ट्रीय महासंघों और अदालत तक पहुंच गई है। लेकिन अभी मुक्केबाजी का कामकाज एक तदर्थ समिति देख रही है। वहीं इस समय फुटबॉल तथा घुड़सवारी के मौजूदा प्रशासन से जुड़े मसले अदालत में है। इसके अलावा कुश्ती के मामले अभी खत्म हुए हैं। क्यूंकि अभी हाल ही में भारतीय खेल मंत्रालय ने खेल कोड के उल्लंघन के कारण उस पर लगाया गया निलंबन वापिस ले लिया था।

इसके आगे भारत के खेल मंत्री मांडविया ने कहा कि, “इन सभी महासंघों को मंत्रालय से पूरा सहयोग मिलेगा। इस बारे में मैं पहले भी कह चुका हूं कि हम दफ्तर की जगह भी देंगे। इसके लिए इस समय जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 18 कमरे तैयार हैं। इसके लिए आपको बस आवेदन करना है। इसके लिए अब भाई भतीजा नहीं चलेगा। क्यूंकि खेल प्रशासन ऐसा नहीं होता है। वहीं एक दिन मैं एक अधिकारी से मिला था, जिसने अपने चपरासी को अपना सचिव बना रखा था। क्यूंकि ये सब चीजें ऐसे नहीं चलती है।”
मांडविया ने की एकजुट होने की अपील :

इसके बाद उन्होंने बताया था कि भारत साल 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी का दावा कर चुका है। इससे पहले भारत साल 2036 ओलंपिक की मेजबानी का आशय पत्र भी दे चुका है। इसके लिए अब सभी को एकजुट होना चाहिए। इसके आगे उन्होंने कहा है कि, “इसके लिए हमें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एकजुट होना होगा। इस बीच हमें यह सुनिश्चित करना जरूरी है। क्यूंकि साल 2036 ओलंपिक को भारत में लाने के लिए हमें अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने हैं। इस बार हमको साल 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भी करनी है।
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