Chess World Cup: भारत की स्टार महिला चेस खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व कप के फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। उन्होंने फिडे महिला विश्व शतरंज कप के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झोंगयी टैन को हरा दिया और मिनी मैच 1.5-0.5 से जीतकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। जबकि दूसरे सेमीफाइनल में कोनेरू हम्पी ने चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त टिंगजी लेई के साथ ड्रॉ खेला है। अब हम्पी छोटे प्रारूप में लेई के खिलाफ टाई-ब्रेकर खेलेंगी।
दिव्या देशमुख ने किया फाइनल में प्रवेश :-
भारत की युवा महिला शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व शतरंज कप के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झोंगयी टैन को हरा दिया और मिनी मैच 1.5-0.5 से जीतकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। इसके चलते हुए दिव्या कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाने वाली पहली भारतीय बन गईं हैं।

यह महिला कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट अगले साल होने वाला है। तब उस टूर्नामेंट से मौजूदा महिला विश्व चैंपियन वेनजुन जू के प्रतिद्वंदी का फैसला होगा। इस बीच सबसे दिलचस्प बात यह भी है कि दिव्या पहली बार ही विश्व कप में हिस्सा ले रही हैं। वहीं इससे पहले चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त जोनर झू और तत्कालीन हमवतन ग्रैंडमास्टर डी हरिका को क्वार्टर फाइनल में हराने के बाद दिव्या ने इस प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाया।

इसके बाद उन्होंने इस सेमीफाइनल मैच में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झोंगयी टैन के खिलाफ 101 चाल में जीत दर्ज कर ली है। अब यह उनके बढ़ते शतरंज कौशल का प्रमाण भी है। जबकि दूसरे सेमीफाइनल में कोनेरू हम्पी ने चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त टिंगजी लेई के साथ ड्रॉ खेला है। इसके बाद अब हम्पी छोटे प्रारूप में लेई के खिलाफ टाई-ब्रेकर खेलने वाली हैं।
कौन है दिव्या देशमुख :-
भारत की उभरती हुई शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख का जन्म नौ दिसंबर 2005 को नागपुर में हुआ था। उन्होंने केवल पांच साल की उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं। वहीं उनके पिता का नाम जितेंद्र और माता का नाम नम्रता है। उन्होंने साल 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती थी। इसके बाद उन्होंने अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) कैटेगरी में विश्व युवा खिताब भी जीते थे।

इसके बाद फिर उन्होंने साल 2014 में डरबन में आयोजित अंडर-10 वर्ल्ड यूथ टाइटल और साल 2017 में ब्राजील में अंडर-12 कैटेगरी में भी खिताब जीतकर अपने नाम किए थे। इसके बाद उनकी निरंतर प्रगति ने उनको साल 2021 में महिला ग्रैंडमास्टर बना दिया। इसी के साथ वह विदर्भ की पहली और देश की 22वीं महिला खिलाड़ी बनीं थी, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी।
दिव्या ने 2023 में जीता इंटरनेशनल मास्टर का खिताब :-

भारत की उभरती हुई स्टार शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने साल 2023 में इंटरनेशनल मास्टर का खिताब भी जीता था। इसके बाद उन्होंने साल 2024 में विश्व जूनियर गर्ल्स अंडर-20 चैंपियनशिप में भी भारत का परचम लहराया। तब यहां पर उन्होंने 11 में से 10 अंक जुटाकर शीर्ष स्थान हासिल किया था। जबकि भारत को 45वें चेस ओलंपियाड में स्वर्ण पदक दिलाने में भी उनकी काफी अहम भूमिका रही थी। इसके अलावा दिव्या एशियाई जूनियर चैंपियन भी हैं। वहीं आज के मौजूदा समय में दिव्या शतरंज की दुनिया में जाना-पहचाना नाम है।
नंबर एक खिलाड़ी होउ यिफान को हरा चुकी हैं दिव्या :-

भारत की युवा शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख इस साल फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम शतरंज चैंपियनशिप में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी होउ यिफान को भी हरा चुकी हैं। तब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी। वहीं इसके बाद उन्होंने 10 से 16 जून को लंदन में आयोजित फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में चीन की यिफान को हराया था। यह उनके करियर की यह सबसे बड़ी जीत में से एक है। चेन्नई में शतरंज गुरुकुल में जीएम आरबी रमेश के अनुसार प्रशिक्षित दिव्या को उनकी तेज सामरिक दृष्टि, अडिग धैर्य और रचनात्मक प्र
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