ASA’s Mysterious R3-Million Lottery Payment and South Africa Lottery Scandal: दक्षिण अफ्रीका में नेशनल लॉटरी फंड को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें एथलेटिक्स साउथ अफ्रीका (ASA) का भी नाम जुड़ गया है। 2018 में ASA को 3 मिलियन रैंड (लगभग 14.61 करोड़ भारतीय रुपये) का एक रहस्यमय भुगतान हुआ था, लेकिन खुद ASA का दावा है कि उसे इस पैसे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अब सवाल यh उठता है कि जब ASA ने कोई फंड मांगा ही नहीं, तो उसे ये पैसा क्यों और कैसे मिला?
दरअसल, इस फंड की शुरुआत Make Me Movement (MMM) एक NGO से होती है। यह संस्था मूल रूप से जेंडर बेस्ड वायलेंस यानी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा के शिकार लोगों की मदद के लिए बनी थी, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने इसे अपने कब्जे में लेकर फर्जीवाड़े का जरिया बना लिया।
MMM को कैसे मिला लॉटरी फंड?
दक्षिण अफ्रीका की National Lotteries Commission (NLC) ने MMM को ग्रामीण इलाकों में साइक्लिंग डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए 18 मिलियन रैंड (लगभग 87.66 करोड़ रुपये) दिए थे। शर्त थी कि इस फंड से गरीब और ग्रामीण इलाकों में बच्चों के लिए साइक्लिंग की सुविधाएं विकसित होंगी, लेकिन ये साइक्लिंग प्रोजेक्ट कभी जमीन पर ही नहीं आया।
यही नहीं, MMM ने इस फंड में से सीधे ASA को 3 मिलियन रैंड (लगभग 14.61 करोड़ रुपये) ट्रांसफर कर दिए। लेकिन ASA एथलेटिक्स की संस्था है, जिसका साइक्लिंग से कोई लेना-देना नहीं है। फिर भी उसे ये पैसा कैसे मिला, ये अब तक एक रहस्य बना हुआ है।
ASA का क्या कहना है?
जब पत्रकारों ने ASA से इस ट्रांजेक्शन के बारे में सवाल पूछे तो उनके प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें पहली बार इस पेमेंट की जानकारी पत्रकारों से ही मिली है। उन्होंने कहा कि ASA इस मामले की अब आंतरिक जांच करेगा।
इस मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। दरअसल, 2018 में जब ASA को ये पैसा मिला था, तब संगठन का फाइनेंस मैनेजर टेरेंस मगोगदोला था। मगोदोला पहले ही NLC के एक और घोटाले में फंसा हुआ है, जिसमें किम्बर्ली में एथलेटिक्स ट्रैक बनाने के नाम पर मिली फंडिंग का दुरुपयोग हुआ था। उस घोटाले में मगोदोला ने माना था कि उसने फंड का एक हिस्सा अपने घर की खरीद में लगाया था।

इसके बाद भी मगोगदोला को ASA में प्रमोट कर दिया गया और अब वो कार्यवाहक CEO बन गया है। SIU (Special Investigating Unit) की जांच में पकड़े जाने के बाद मगोदोला ने करीब 4 लाख रैंड (लगभग 1.95 करोड़ रुपये) की रकम सरकार को वापस की थी।
जब मगोगदोला से 3 मिलियन रैंड (लगभग 14.61 करोड़ रुपये) के इस रहस्यमय भुगतान पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि एनजीओ जैसी संस्थाओं को पांच साल तक रिकॉर्ड रखने होते हैं और ये मामला सात साल पुराना है, इसलिए रिकॉर्ड मिलना मुश्किल है।
SIU ने जांच में क्या पाया?
SIU ने एक जांच रिपोर्ट में बताया कि MMM को जो 18 मिलियन रैंड (लगभग 87.66 करोड़ रुपये) मिले थे, उसमें से बड़ी रकम गलत तरीके से कई लोगों और कंपनियों में बांटी गई। इस फंड से खरीदी गई कई प्रॉपर्टीज को अब कोर्ट ने फ्रीज कर दिया है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड कोलिन त्शिसिंबा और उनकी पार्टनर फुलुफेलो करिव्हे को SIU ने मुख्य आरोपी बताया है।
SIU ने अपनी रिपोर्ट में एक ग्राफिक भी जारी किया, जिसमें बताया गया कि MMM ने ASA को 3 मिलियन रैंड (लगभग 14.61 करोड़ रुपये) क्यों दिए, ये अब तक साफ नहीं हो पाया है।
Cycling SA ने भी जताई हैरानी
देश की साइक्लिंग संस्था Cycling South Africa (Cycling SA) ने भी इस पर हैरानी जताई। Cycling SA के अध्यक्ष ने कहा कि अगर वाकई ग्रामीण इलाकों में साइक्लिंग डेवलपमेंट के लिए इतना बड़ा फंड जारी हुआ होता तो उनकी संस्था को इसकी जानकारी जरूर होती। उन्होंने कहा कि ASA का साइक्लिंग से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए ये फंड ASA को कैसे मिला, ये समझ से बाहर है।
पहले भी विवादों में रहा है ASA
ASA का नाम पहले भी विवादों में आ चुका है। हाल ही में संसद में ASA के अध्यक्ष जेम्स मोलोई पर संस्था के क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग करने का आरोप लगा। कहा गया कि मोलोई ने संस्था के क्रेडिट कार्ड से शराब की दुकानों और बार में पेमेंट किए। इसके बाद खेल मंत्री गयटन मैकेंजी ने ASA की फाइनेंशियल जांच कराने का ऐलान किया।
अब SIU और खेल मंत्रालय इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं। अगर जांच में गड़बड़ी पाई जाती है तो मगोदोला समेत कई और अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
यह मामला सिर्फ एक संस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि ये दर्शाता है कि कैसे सरकारी फंड और लॉटरी फंड को लूटने के लिए संस्थाओं और अधिकारियों की मिलीभगत होती है। इसकी परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं और आने वाले समय में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
एथलेटिक्स से जुड़ी ताजा खबरों के लिए Sports Digest Hindi पर विजिट करते रहें और हमें यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, और ट्विटर (X) पर भी फॉलो करें।