वर्ल्ड नंबर 6 टेलर फ्रिट्ज (Taylor Fritz) ने हाल ही में अन्तर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (ITF) द्वारा ऑफ-कोर्ट कोचिंग को मंजूरी दिए जाने के फैसले पर अपनी असहमति जताई है। उनका मानना है कि, यह फैसला “एक बनाम एक (1v1)” रणनीतिक और मानसिक तत्वों को बर्बाद कर देगा।
दरअसल, अन्तर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (ITF) ने मंगलवार को घोषणा की कि इस महीने शासी निकाय की वार्षिक आम बैठक में लिए गए निर्णय के बाद 1 जनवरी से ऑफ-कोर्ट कोचिंग की अनुमति दी जाएगी। उनके अनुसार इस बदलाव से टेनिस अधिक निष्पक्ष और संभवतः अधिक मनोरंजक हो जाएगा।

बता दें कि, 2023 से सभी चार ग्रैंड स्लैम के साथ-साथ एटीपी और डब्ल्यूटीए टूर में ऑफ-कोर्ट कोचिंग को पहले ही ट्रायल के आधार पर लागू किया जा चुका है। हालाँकि, यह पहली बार नहीं है, जब ट्रेलर फ्रिट्ज ने ऑफ-कोर्ट कोचिंग की आलोचना की है।
Taylor Fritz ने की ITF के ऑफ-कोर्ट कोचिंग के फैसले की आलोचना
यूएस ओपन के फाइनलिस्ट टेलर फ्रिट्ज़ पहले भी ऑफ-कोर्ट कोचिंग के आलोचक रहे हैं। उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में इस नियम के बदलाव पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
क्या हम खेल के 1v1 मानसिक/रणनीतिक पहलू को बर्बाद करना बंद कर सकते हैं?
Can we stop ruining the 1v1 mental/strategic aspect of the sport PLEASE https://t.co/bXVQFl0Fj9
— Taylor Fritz (@Taylor_Fritz97) October 21, 2024
Denis Shapovalov ने भी की ऑफ-कोर्ट कोचिंग की आलोचना
पूर्व वर्ल्ड नंबर 10 डेनिस शापोवालोव (Denis Shapovalov) ने भी ऑफ-कोर्ट कोचिंग की आलोचना की है। उन्होंने इस प्रकार की अनुमति देने के फैसले को दुखद भी बताया है।
कनाडाई खिलाड़ी ने एक्स पर लिखा:
न केवल एक टेनिस खिलाड़ी के रूप में बल्कि इस खेल के एक फैन के रूप में इस नए ऑफ कोर्ट कोचिंग नियम को देखना दुखद है। टेनिस इसलिए विशेष है क्योंकि आप इसमें अकेले खेलते हैं। आप इस खेल की खूबसूरती को बदलने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?
Not just as a tennis player but as a fan of this sport it’s sad to see this new off court coaching rule. Tennis is special because you are out there alone. Why are you trying to change the beauty of this game
— Shapo (@denis_shapo) October 21, 2024
खिलाड़ियों, कोचों और अम्पायरों के परामर्श के बाद लिया गया है फैसला – ITF

अन्तर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक स्टुअर्ट मिलर ने बताया है कि, खिलाड़ियों, कोचों और अंपायरों सहित प्रमुख हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद ही ऑफ-कोर्ट कोचिंग को मंजूरी देने का फैसला लिया गया है।
मिलर ने कहा:
खिलाड़ियों ने महसूस किया कि यह एक सकारात्मक विकास है और इससे उनके लिए टूर्नामेंट अधिक दिलचस्प हो गए हैं। कोचों ने कहा है कि इससे खिलाड़ियों के विकास में मदद मिलती है और उनके पेशे की स्थिति में सुधार होता है।
चेयर अम्पायरों ने कहा है कि इससे खेल पर नजर रखने और सही निर्णय लेने पर ध्यान केंद्रित करने की उनकी क्षमता में सुधार होता है, बजाय इसके कि कोच नियमों के विरुद्ध कोचिंग दे रहा है या नहीं।
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