World Boxing Cup: विश्व मुक्केबाज़ी कप 2025 में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसके चलते हुए भारत ने अपने अभियान को 6 पदकों के साथ समाप्त किया। वहीं इस टूर्नामेंट में भारत के मुक्केबाज हितेश ने स्वर्ण अपने नाम किया। इसके बाद वह विश्व मुक्केबाजी कप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गए। इस बार उनके प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के ओडेल कामारा चोटिल हो गए थे। इसके बाद वह 70 किग्रा वर्ग के फाइनल के लिए रिंग में नहीं उतर पाए थे।
विश्व मुक्केबाज़ी कप में भारत का शानदार प्रदर्शन :-

इसके बाद भारत का ब्राजील के फोड डू इगुआकू में आयोजित विश्व कप अभियान छह पदकों के साथ समाप्त हुआ। वहीं सभी भारतीय मुक्केबाजों ने विश्व मुक्केबाज़ी कप 2025 में काफी शानदार प्रदर्शन किया। इसमें भारतीय मुक्केबाज हितेश द्वारा जीता गया स्वर्ण पदक भी शामिल है। इसके अलावा भारत विश्व मुक्केबाजी द्वारा आयोजित किसी शीर्ष स्तरीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहली बार हिस्सा ले रहा था।
विश्व मुक्केबाजी में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने हितेश :-
इस टूर्नामेंट में भारत के मुक्केबाज हितेश ने स्वर्ण पदक जीता है। जिसके चलते हुए वह विश्व मुक्केबाजी कप में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गए हैं। क्यूंकि इस बार उनके प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के ओडेल कामारा चोटिल हो गए थे और 70 किग्रा वर्ग के फाइनल के लिए रिंग में नहीं उतर पाए थे।

इसके अलावा अन्य भारतीय मुक्केबाज अभिनाश जामवाल ने भी 65 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन स्थानीय दावेदार यूरी रेइस को कड़ी टक्कर देने के बावजूद वह केवल रजत पदक ही जीत पाए थे। भारतीय मुक्केबाज हितेश ने अपने अच्छे प्रदर्शन का श्रेय इस टूर्नामेंट से पहले ब्राजील में आयोजित 10 दिवसीय तैयारी शिविर को दिया।

जिसके कारण उन्हें और टीम को बहुत मदद मिली। इसके बाद हितेश ने कहा कि, “इस शिविर ने मुझे कुछ रणनीतिक बारीकियां सीखने में मदद की। जिसके चलते हुए मुझे प्रतियोगिता में बहुत मदद मिली। वहीं इस टूर्नामेंट ने हमें उच्चतम स्तर का अनुभव प्रदान किया और मुझे खुशी है कि मैं स्वर्ण पदक जीत पाया हूं।
चार भारतीय मुक्केबाजों ने जीते कांस्य पदक :-

इस बार भारत के जादुमणि सिंह मंदेंगबाम (50 किग्रा), मनीष राठौड़ (55 किग्रा), सचिन (60 किग्रा) और विशाल (90 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते हैं। वहीं इस बार भारत ने विश्व मुक्केबाजी कप में 10 सदस्यीय दल उतारा था। इसके अलावा यह पेरिस ओलंपिक के बाद टीम का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। वहीं इस मजबूत प्रदर्शन से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। क्यूंकि ये सभी साल 2028 लॉस एंजिलिस खेलों से पहले ओलंपिक चक्र की तैयारी भी शुरू करने वाले हैं।
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