Betting Racket Busted During IND vs AUS Semi Final: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के हाई-वोल्टेज सेमीफाइनल के दौरान दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक अवैध सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस ऑपरेशन में दो बुकी, परीवीन कोच्छर और संजीव कुमार को गिरफ्तार किया गया, जो इस बड़े मुकाबले पर सट्टा लगाने का खेल चला रहे थे।
सूचना मिलने के बाद, सब-इंस्पेक्टर अनुज कुमार के नेतृत्व में NDR और क्राइम ब्रांच की टीम ने सेक्टर 23, द्वारका में छापेमारी कर इस रैकेट का पर्दाफाश किया।
सट्टेबाजों के पास से मिले कई डिवाइसेज और रिकॉर्ड्स

छापेमारी के दौरान पुलिस को सट्टेबाजों के पास से 25 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 1 LED स्मार्ट टीवी, 2 नोटपैड, 2 बॉल पेन, एक लकड़ी का सूटकेस और 2 सोनी रिकॉर्डर बरामद हुए। इसके अलावा, पूछताछ में पुलिस को दो बड़े तरीकों का पता चला, जिनसे यह गिरोह सट्टेबाजी का कारोबार चला रहा था:
1. ऑनलाइन बेटिंग (Master ID के जरिए)
मुख्य आरोपी परवीन ने एक बेटिंग वेबसाइट से Master ID खरीदी थी। इस ID के जरिए वह Super Master ID बनाकर दूसरों को बेचता था, जिससे वह खुद को सुरक्षित रखते हुए लोगों को बेटिंग का हिस्सा बना पाता था।
2. ऑफलाइन बेटिंग (डायरेक्ट कॉल्स के जरिए)
बुकीज से जुड़े लोग सीधे फोन कॉल के जरिए सट्टा लगाते थे। लाइव मैचों में रेट्स के उतार-चढ़ाव के आधार पर पैसे लगाए जाते थे। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह पिछले दो सालों से सक्रिय था और हर मैच में 1.5 लाख रुपये तक का सट्टा लगता था। इसमें ₹30,000-₹40,000 तक का फायदा या नुकसान होता था।
🚨 CRICKET BETTING RACKET BUSTED 🚨
🔹 NDR, Crime Branch Cracks Down on Illegal Betting! ⚖️🚔
🔹 Two Bookies Arrested – Caught red-handed betting on India vs Australia Champions Trophy Semi-Final 🎲🏏
🔹 Huge Inventory of Betting Equipment Seized – Major blow to illegal gambling… pic.twitter.com/1OSUwIRLNd— Crime Branch Delhi Police (@CrimeBranchDP) March 6, 2025
भारतीय क्रिकेट में सट्टेबाजी का बढ़ता कारोबार

क्रिकेट भारत में सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि धर्म है, और इसी जुनून का फायदा उठाकर सट्टेबाज इसे पैसे कमाने का धंधा बना रहे हैं। मुख्य आरोपी परवीन कोच्छर, जो पहले मुंडका में एक फैक्ट्री का मालिक था, ने तेजी से पैसा कमाने के लालच में सट्टे की दुनिया में कदम रखा।
उसने देशभर के कई बुकीज से नेटवर्क बनाया और इस अवैध कारोबार को चलाने लगा। लेकिन अब, क्राइम ब्रांच की इस कार्रवाई से एक बड़ा नेटवर्क ध्वस्त हो गया है, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि सरकार और प्रशासन को इस पर और सख्ती बरतने की जरूरत है।
क्या भारतीय क्रिकेट को सट्टेबाजी से बचाया जा सकता है?
यह पहली बार नहीं है जब भारतीय क्रिकेट में अवैध सट्टेबाजी का मामला सामने आया हो। बावजूद इसके, कई कानूनी खामियों की वजह से यह गोरखधंधा जारी है। सवाल यह है कि क्या भारतीय खेलों की निष्पक्षता और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए और कड़े कानून बनाए जाएंगे?
अब देखना होगा कि इस मामले में और क्या खुलासे होते हैं और क्राइम ब्रांच आगे क्या कदम उठाती है। लेकिन एक बात तो तय है, कि क्रिकेट के नाम पर यह जुए का खेल यूं ही चलता रहा, तो खेल की साख पर हमेशा खतरा मंडराता रहेगा।
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