Saliva Ban Lifted, New Ball Introduced in Second Innings in IPL 2025: आईपीएल 2025 से पहले बीसीसीआई ने दो बड़े बदलाव किए हैं। पहला, गेंद पर सलाइवा (लार) के इस्तेमाल पर लगी पाबंदी हटा दी गई है। दूसरा, दूसरी पारी में 11वें ओवर के बाद नई गेंद दिए जाने का नियम लागू किया गया है।
बीसीसीआई और आईपीएल प्रबंधन ने इन नियमों को अंतिम रूप दिया और गुरुवार (20 मार्च) को मुंबई के क्रिकेट सेंटर में कप्तानों और मैनेजर्स की बैठक में इसकी जानकारी दी। इस मीटिंग में मौजूद एक सूत्र ने क्रिकबज से बातचीत में इन नियमों की पुष्टि की।
दूसरी पारी में नई गेंद का नियम क्यों?
आईपीएल में अक्सर रात के मैचों में ओस (ड्यू) की वजह से गेंदबाजों को परेशानी होती है। ड्यू के कारण गेंद गीली हो जाती है और स्विंग या स्पिन करने में दिक्कत आती है। इसी समस्या को कम करने के लिए बीसीसीआई ने यह नया नियम लागू किया है, जिसमें दूसरी पारी के 11वें ओवर के बाद अंपायर नई गेंद दे सकते हैं।
इस नियम से टॉस जीतने वाले कप्तान को मिलने वाला एडवांटेज खत्म हो सकता है। कई बार ऐसा देखा गया है कि टीम टॉस जीतकर दूसरी पारी में बल्लेबाजी चुनती है ताकि ड्यू का फायदा उठा सके। लेकिन अब नई गेंद मिलने से गेंदबाजों को बेहतर ग्रिप मिलेगी और मैच संतुलित रहेगा। यह नियम खासतौर पर रात के मैचों में लागू होगा। दोपहर के मैचों में दूसरी गेंद का इस्तेमाल होने की संभावना कम है क्योंकि तब ड्यू का असर नहीं रहता।
सलाइवा बैन हटाने की जरूरत क्यों पड़ी?
कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण को रोकने के लिए आईसीसी ने सलाइवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से ही तेज गेंदबाज लगातार इस बैन को हटाने की मांग कर रहे थे। भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी इस मुद्दे पर खुलकर बोले थे।
हाल ही में दुबई में हुई एक चैंपियंस ट्रॉफी मैच के दौरान शमी ने कहा था, “हम हमेशा अनुरोध करते रहते हैं कि हमें सलाइवा इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए ताकि गेंद को स्विंग और रिवर्स स्विंग में मदद मिले।”
शमी के इस बयान का समर्थन दक्षिण अफ्रीका के पूर्व गेंदबाज वर्नन फिलेंडर और न्यूजीलैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज टिम साउदी ने भी किया था। उनका मानना था कि बिना सलाइवा के तेज गेंदबाजों के लिए रिवर्स स्विंग हासिल करना मुश्किल हो जाता है, जिससे गेंदबाजी पर असर पड़ता है। अब जब महामारी का खतरा लगभग खत्म हो चुका है, तो बीसीसीआई ने यह फैसला किया कि गेंदबाजों को फिर से सलाइवा का इस्तेमाल करने दिया जाए।
अंपायरों के हाथ में रहेगा नई गेंद देने का फैसला
बीसीसीआई ने यह भी साफ किया है कि मैच के दौरान नई गेंद दिए जाने का फैसला अंपायरों पर निर्भर करेगा। अगर अंपायरों को लगेगा कि ड्यू की वजह से गेंदबाजों को दिक्कत हो रही है, तो वे 11वें ओवर के बाद नई गेंद दे सकते हैं। इससे पहले तक सफेद गेंद से खेले जाने वाले मुकाबलों में एक ही गेंद का इस्तेमाल होता था, लेकिन इस नए नियम के आने से गेंदबाजों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
IPL 2025 में इन दोनों बड़े बदलावों के बाद गेंदबाजों को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद की जा रही है। खासतौर पर तेज गेंदबाज अब स्विंग और रिवर्स स्विंग को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकेंगे। वहीं, दूसरी पारी में नई गेंद का नियम मैच को और अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकता है, जिससे फैंस को रोमांचक मुकाबले देखने को मिल सकते हैं।
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