IPL 2025 में अब तक कई हाई-स्कोरिंग मुकाबले देखने को मिले हैं, जहां 200 से ज्यादा के स्कोर आम हो चुके हैं। सनराइजर्स हैदराबाद ने अपने पहले ही मैच में 286/6 का स्कोर खड़ा कर दिया था। इस बीच, लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ने पिचों को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि गेंदबाजों को भी बराबरी का मौका मिलना चाहिए।
शार्दुल ठाकुर का मानना है कि गेंदबाजों को अक्सर दबाव झेलना पड़ता है और बल्लेबाजों के लिए अनुकूल पिचों पर खेलना उनके लिए चुनौती बन जाता है।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि सभी गेंदबाजों की मांग है कि पिचों को इस तरह तैयार किया जाए कि खेल संतुलित रहे। यह एकतरफा नहीं होना चाहिए, जहां बल्लेबाज आते ही गेंदबाजों पर हावी हो जाएं।”
गेंदबाजों की स्थिति पर बोले शार्दुल ठाकुर
लखनऊ सुपर जायंट्स के अपने पहले घरेलू मैच से पहले ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “बहुत से गेंदबाज अपनी बात खुलकर नहीं कह पाते या उन्हें मीडिया में पिचों को लेकर अपनी राय रखने का मौका नहीं मिलता। इसलिए, मैं यह कहना चाहता हूं कि हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि हमें भी मुकाबले में बराबरी का मौका मिले।”
उन्होंने आगे कहा कि, “गेंदबाजों के लिए खेलना पहले से ज्यादा मुश्किल हो गया है, खासकर तब जब बल्लेबाज बेखौफ होकर रन बना रहे हैं। हम सिर्फ ऐसी पिचें चाहते हैं जहां गेंदबाजों के पास भी रणनीति अपनाने का मौका हो।”
क्या इम्पैक्ट प्लेयर रूल है जिम्मेदार?
शार्दुल ठाकुर ने इम्पैक्ट प्लेयर रूल पर भी अपनी राय रखी और बताया कि यह नियम मैच में बड़ा बदलाव ला रहा है। उन्होंने कहा, “इम्पैक्ट प्लेयर रूल निश्चित रूप से मनोरंजन बढ़ाने के लिए लाया गया है। इस वजह से हर टीम को एक अतिरिक्त बल्लेबाज या गेंदबाज मिल रहा है, जिससे स्कोर तेजी से बढ़ रहा है।”
हालांकि, ठाकुर ने यह भी साफ किया कि सिर्फ इस नियम के कारण स्कोर ज्यादा नहीं बन रहे हैं, बल्कि पिचों का बल्लेबाजों के अनुकूल होना भी इसका बड़ा कारण है।
उन्होंने कहा, “250 या उससे ज्यादा स्कोर सिर्फ इम्पैक्ट प्लेयर नियम की वजह से नहीं बन रहे, बल्कि पिचों के कारण ऐसा हो रहा है। हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि हमें भी ऐसी पिचें चाहिए जहां हम बल्लेबाजों को आउट कर सकें।”
LSG के प्रमुख गेंदबाज बने ठाकुर
शार्दुल ठाकुर इस सीजन लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के सबसे अहम गेंदबाजों में से एक बनकर उभरे हैं। उन्होंने अब तक खेले गए दो मुकाबलों में 6 विकेट लिए हैं और उनकी इकॉनमी 8.83 रही है। ठाकुर ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी तैयारियों को दिया।
उन्होंने कहा, “गेंदबाजी में सफलता का सबसे बड़ा मंत्र यही है कि आप अपने खेल को कितना समझते हैं और किस तरह खुद को कंडीशंस के हिसाब से ढालते हैं। मैं हर मैच में पिच और बल्लेबाज को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनाता हूं।”
LSG को घेर रहीं चोट की समस्याएं
लखनऊ सुपर जायंट्स इस सीजन चोटों की समस्या से भी जूझ रही है। टीम के अहम गेंदबाज मोहसिन खान टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं, वहीं युवा तेज गेंदबाज मयंक यादव पीठ की चोट से उबर रहे थे लेकिन अब उन्हें पैर की भी चोट लग गई है। इसके अलावा, आकाशदीप भी पूरी तरह फिट नहीं हुए हैं।
हालांकि, ठाकुर ने साफ कर दिया कि टीम इन समस्याओं को बहाने के रूप में नहीं देख रही। उन्होंने कहा, “आईपीएल में 25 खिलाड़ियों का स्क्वाड होता है और सभी खिलाड़ी बराबर होते हैं। हां, कुछ खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर ज्यादा मौके मिलते हैं, लेकिन जब आप मैदान में उतरते हैं, तो दिन का प्रदर्शन सबसे ज्यादा मायने रखता है।”
क्या संतुलित पिचों पर ध्यान देगा BCCI ?
शार्दुल ठाकुर की इस मांग के बाद अब यह सवाल उठता है कि क्या BCCI और IPL की गवर्निंग काउंसिल पिचों को संतुलित करने पर विचार करेगी? आईपीएल को हमेशा बल्लेबाजों का खेल माना गया है, लेकिन अगर गेंदबाजों को भी मौका नहीं मिलेगा, तो यह टूर्नामेंट एकतरफा हो सकता है।
इस सीजन अब तक कई हाई-स्कोरिंग मैच हुए हैं, जिससे गेंदबाजों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब यह देखना होगा कि BCCI इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई करता है या नहीं।
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