बीसीसीआई ने गौतम गंभीर को हेड कोच बनाने से पहले नहीं ली थी विराट कोहली से सलाह
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है कि बीसीसीआई ने गौतम गंभीर को हेड कोच बनाने से पहले विराट कोहली से कोई सलाह नहीं ली थी।
BCCI did not consult Virat Kohli before appointing Gautam Gambhir as head coach.
बीसीसीआई (BCCI) ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को टीम इंडिया का नया हेड कोच नियुक्त किया है। इसके साथ ही साथ उन्हें यह छूट दी है कि वह अपने इच्छानुसार कोचिंग स्टाफ का चुनाव कर सकते हैं। हालांकि, कोचिंग स्टाफ के चुनाव को लेकर भी बोर्ड और गंभीर के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा है। अब यह रिपोर्ट सामने आई है कि, बीसीसीआई ने गंभीर को हेड कोच बनाने से पहले विराट कोहली से सलाह नहीं ली थी।
बता दें कि, अशोक मल्होत्रा, जतिन परांजपे और सुलक्षणा नाइक की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने सर्वसम्मति से गौतम गंभीर के नाम की सिफारिश की थी, जो पूर्व बल्लेबाज डब्ल्यूवी रमन के साथ टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए इंटरव्यू के लिए उपस्थित होने वाले एकमात्र व्यक्ति थे। मंगलवार को बीसीसीआई ने घोषणा की थी कि गंभीर हेड कोच के रूप में राहुल द्रविड़ की जगह लेंगे। पूर्व सलामी बल्लेबाज श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज से टीम के साथ जुड़ेंगे।
42 वर्षीय गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) भारत के सबसे युवा मुख्य कोच हैं। हालाँकि, उनके पूर्ववर्ती द्रविड़ ने भी अपने करियर के अंतिम चरण में मौजूदा टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया था, लेकिन गंभीर ने मुश्किल से पाँच साल पहले ही सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की थी। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2016 में कोहली की कप्तानी में खेला था।
Gautam Gambhir और Virat Kohli के रिश्ते नहीं हैं कुछ खास
विराट कोहली के साथ गौतम गंभीर के रिश्ते कुछ खास नहीं हैं। दोनों आईपीएल में कई बार मैदान पर एक दूसरे से कहासुनी करते देखे गए हैं। आईपीएल 2023 में भी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और लखनऊ सुपर जायंट्स के बीच खेले गए मैच के बाद गंभीर और कोहली के बीच हाथापाई होने के बहुत करीब आ गए थे। उस समय गंभीर लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर थे।
हालांकि, बीसीसीआई इस मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहता था। कोहली अब टी20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले चुके हैं, इसलिए बीसीसीआई केअधिकारी भविष्य के बारे में सोचना चाहते थे, इसी के चलते पूर्व कप्तान से सलाह नहीं ली गई।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, “दोनों के बीच बातचीत के लिए पर्याप्त समय है। लेकिन बीसीसीआई के लिए बड़ी तस्वीर देखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि आने वाले वर्षों में कई युवा खिलाड़ियों के खेलने की संभावना है।”