India’s First Gold Medal: पेरिस में 26 जुलाई से खेलों के महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है। जिसमे दुनिया भर के एथलीट हिस्सा लेंगे इस बार हो रहे पेरिस ओलंपिक में भारतीय फैंस को भी अपने खिलाड़ियों से अधिक मेडल जीतकर लाने की उम्मीद है। पेरिस ओलंपिक का आगाज 26 जुलाई से हो जाएगा और यह 11 अगस्त तक खेला जाएगा। ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं कि भारत ने आजादी के बाद आखिर कब ओलंपिक में अपना पहला गोल्ड मेडल जीता था।
India’s First Gold Medal: 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चलेगा आयोजन

पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत इसी महीने की 26 तारीख यानि कि 26 जुलाई से हो रही है। इस बार अगल अलग देशों के कई खिलाड़ी हिस्सा लेते हुए नजर आएंगे और खिलाड़ियों को अपना हुनर आजमाने का एक शानदार मौका भी मिला जाएगा।
सभी एथलेटिक्स अपने देश के लिए मेडल लाना चाहते हैं और इस बार के ओलंपिक में भी प्रत्येक देश प्रतिभागी अपने देश के लिए पूरी जी जाँ लगाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की कोशिश करेंगे। अगर बात करें हॉकी की तो आजादी के पहले भी इस खेला में भारत का दबदबा कायम था। लेकिन भारत ने आजादी के बाद से अपने खेल कौशल में और भी ज्यादा परिवर्तन किया है।
India’s First Gold Medal: आजादी से पहले भी भारतीय हॉकी टीम का था दबदबा

भारतीय हॉकी टीम ने आजादी के पहले भी ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था।साल 1928,1932 और 1936 के ओलंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। लेकिन आजादी के बाद भारत ने साल 1948 में हॉकी में भी अपना पहला गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुई थी।
India’s First Gold Medal: अंग्रेजो को किया था चित

साल 1948 में लंदन में आयोजित ओलंपिक गेम्स खेले गये थे। जिसमे भारतीय हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला था। आजादी से पहले जो ब्रिटिश टीम भारत के खिलाफ ओलंपिक खेलने से मना कर रही थी उसी टीम को भारतीय टीम से पहली बार ओलंपिक खेल में सामना करना पड़ा।
भारत को इस ओलंपिक गेम्स में पूल-ए में जगह मिली थी। जिसमे उसके साथ आस्ट्रिया, स्पेन,और अर्जेंटीना की टीमें शामिल थी। भारतीय टीम ने अपना आगाज शानदार तरीके से करते हुए आस्ट्रिया के खिलाफ अपने पहले मुकाबले को 8-0 से अपने नाम किया था। वहीँ इसके बाद अर्जेंटीना और स्पेन को मात देते हुए सेमीफाइनल में अपनी जगह को पक्का किया था।
India’s First Gold Medal: सेमीफाइनल में नीदरलैंड को हराकर किया था फाइनल में प्रवेश

सेमीफाइनल में पहुँचने के बाद भारतीय हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल के मुकाबले में नीदरलैंड को हराकर फाइनल में पहुँच गई। फाइनल का मुकाबला 12 अगस्त 1948 को वेम्बली स्टेडियम में इंग्लैंड की टीम से हुआ।
इसमे भारत ने बलबीर सिंह के दो गोल, तरलोचन सिंह और पैट्रिक जेनसन ने एक एक गोल किया इन सभी भारतीय खिलाड़ियों के जबरजस्त प्रदर्शन के कारण भारत ने इस मुकाबले को 4-0 से जीत लिया और आजादी के बाद पहली बार ओलंपिक में गोल्ड मेडल का अवार्ड भी जीता।
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