Paris Olympics: पेरिस ओलंपिक की शुरुआत दो दिनों में होने जा रही है इस बार दुनिया भर के 10500 एथलीट्स इस महाकुंभ में अपनी प्रतिभा को उजागर करते नजर आएंगे। इस बीच एक ऐसे खिलाड़ी मैदान पर उतरेंगी जो इस खेल के शुरू होते ही इतिहास रच देंगी। इस खिलाड़ी को ओलंपिक खेलने का सपना 38 साल के लंबे इंतजार के बाद अब पूरा होने जा रहा है।

अगर आपसे पूछे की एक खिलाड़ी को किसी भी खेल में डेब्यू करने की सही उम्र क्या होनी चाहिए, तो शायद आपका जवाब 15 18 या 20 साल का आएगा। चलिए हम मान लेते हैं 25 साल, लेकिन आपको बता दें कि पेरिस ओलंपिक 2024 में एक ऐसी खिलाड़ी जिसको 38 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा अब वह घड़ी आ गई है जब इतने सालों के इंतजार के बाद इस खिलाड़ी का सपना पूरा होगा तो आईए जानते हैं इस लेख के माध्यम से कौन है वह खिलाड़ी जो रिटायर्मेंट के समय डेब्यू करने जा रही है।
Paris Olympics: झियिंग जेंग कौन हैं
झियिंग जेंग (Zhiying Zheng) एक चीनी खिलाड़ी है यह पहले चीन की टेबल टेनिस टीम में शामिल थी करीब 41 साल पहले 1983 में उन्हें चीन की टीम में शामिल किया गया था।
इन्होंने अपने 3 साल के छोटे करियर में ही संन्यास की घोषणा कर दी थी। उस समय जेंग की उम्र मात्र 20 वर्ष थी उनके माता-पिता दोनो ही टेबल टेनिस (Table Tennis) की कोच थी इसलिए जेंग को बचपन से ही इस खेल के सारे गुर सीखने को मिल गया था।

यह वह समय था जब चीन की इस खिलाड़ी को पिंग पोंग डिप्लोमेसी काफी पॉपुलर थी। वर्ष 1971 में अमेरिका और चीन के बीच संबंधो को सुधारने के लिए टेबल टेनिस का सहारा लिया गया था। जिसे पिंग पोंग डिप्लोमेसी (Ping Pong Diplomacy) के नाम से जाना गया। 1949 के बाद 1971 में पहली बार अमेरिका ने अपना प्रतिनिधित्व मंडल चीन भेजा था जो एक टेबल टेनिस टीम थी।
Paris Olympics: यही से शुरू हुआ सपना
इस दौरान हर बच्चा टेबल टेनिस खेल खेलता दिखने लगा था, बस यही से जेंग के सपने की भी शुरुआत हुई। ब्राजील में जिस तरह से जुनून फुटबॉल को लेकर है ठीक वैसा ही माहौल उस समय चीन में टेबल टेनिस (Table Tennis) को लेकर था।

11 साल की जेंग को उनकी मां ने टेबल टेनिस खेल को सीखना शुरू कर दिया था। आखिरकार वह दिन आया जब 1983 में उन्हें चीन की टेबल टेनिस टीम में शामिल किया गया।
Paris Olympics: एक रूल ने तोड़ दिया सपना
एक रूल की वजह से उनका सपना चूर चूर हो गया। टेबल टेनिस में एक नियम आया Two Colour Rule इस नियम के तहत खिलाड़ी को दो रंग के पैडल के साथ खेलना होता था और विपक्षी खिलाड़ी को यह तय करना होता था कि आपको किस रंग के साथ खेलना होगा।

इसका नुकसान यह हुआ कि खिलाड़ी की स्पीड और स्पिन के बारे में अंदाजा लगाना आसान हो गया। बस यहीं से जेंग के खेल में गिरावट आने लगा और वह खुद को कमजोर समझने लगी और मानसिक रूप से वह टूटने लगी।
उसके बाद से ही उन्होंने 1986 में खेलना छोड़ दिया यह झटका जेंग के लिए इतना बड़ा था कि वह इस सहन नहीं कर पाई और हमेशा के लिए खेल से नाता तोड़कर चिली में अपने पति के साथ रहने चली गई।
Paris Olympics: कोविड ने दिखाया रास्ता
जेंग अपनी जिंदगी से समझौता कर चुकी थी और अपने परिवार के साथ खुश रहना सीख लिया था। तभी कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर में लॉक डाउन लग गया था। बोरियत को दूर करने के लिए जेंग ने लोकल टूर्नामेंट खेलने लगी। उस दौरान रोचक बात यह रही कि जेंग अपनी सारे मैच जीतती गई।

यही नहीं जेंग साल 2023 में टेबल टेनिस की नंबर वन खिलाड़ी भी बन गई। इस बीच वह एक बार फिर से नेशनल टीम में उनका चयन हुआ। जेंग ने कई बार मजाक में यह बात कहीं हैं कि कोई भी इस बात पर यकीन नहीं करेगा। बता दें कि, उन्होंने पेरिस ओलंपिक गेम्स में क्वालिफाई भी किया और सभी को हैरान कर दिया।
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