Manu Bhaker: मनु भाकर और डी गुकेश सहित इन 4 खिलाड़ियों को मिलेगा खेल रत्न पुरस्कार, हुई घोषणा
Manu Bhaker: भारत सरकार ने मनु भाकर को खेल रत्न पुरस्कार देने का ऐलान कर दिया है। डी गुकेश समेत 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार मिलेगा।
Manu Bhaker: भारतीय खेल मंत्रालय ने 2 जनवरी को ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए महिला निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhaker) और शतरंज विश्व चैंपियन डी गुकेश के नामों की घोषणा कर दी है। इनके अलावा इस बार पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालिंपिक स्वर्ण पदक विजेता प्रवीण कुमार को भी यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं इन सभी के अलावा भारतीय खेल मंत्रालय ने 17 पैरा-एथलीटों सहित 32 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार देने के लिए नामों की घोषणा कर दी है।
Manu Bhaker ने पेरिस ओलंपिक में जीते थे 2 पदक :-
इस बार हुए पेरिस ओलंपिक 2024 में स्टार महिला निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhaker) ने भारत के लिए पदकों का खाता खोला था। तब उन्होंने (Manu Bhaker) 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया था।
इस पदक को जीतने के साथ ही वह (Manu Bhaker) निशानेबाजी में पदक हासिल करने वाली भारत की पहली महिला बनी थी। इसके बाद उन्होंने (Manu Bhaker) सरबजोत सिंह के साथ इसी स्पर्धा के मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक को जीत कर अपने नाम किया था। तभी तो अब वह (Manu Bhaker) इस आजाद भारत में एक ओलंपिक में 2 पदक हासिल करने वाली भी पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थी।
सबसे युवा विश्व चैंपियन बने थे गुकेश :-
अभी हाल ही में दिसंबर 2024 के दौरान भारत के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर गुकेश सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने थे। तब उन्होंने सिंगापुर में आयोजित हुई FIDE विश्व शतरंज चैंपियनशिप के निर्णायक गेम में चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब जीता था।
इसके चलते हुए भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने रूस के ग्रैंडमास्टर गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ा। तब उन्होंने ने 22 साल 6 महीने और 27 दिन की उम्र में इस खिताब जीता था। इसके अलावा डी गुकेश, विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व चैंपियन बनने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय ग्रैंडमास्टर बने थे।
हरमनप्रीत और प्रवीण ने भी साल 2024 में किया था कमाल :-
इंडियन हॉकी टीम के खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने इस बार भी पेरिस ओलंपिक का कांस्य पदक जीता था। तब उन्होंने कांस्य पदक के मुकाबले में जर्मनी हॉकी टीम को 2-1 से हराया था।
इसके अलावा अब बात करते है पैरा हाई-जंपर प्रवीण की तो उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में T-64 स्पर्धा का खिताब मिला था। वहीं यह T-64 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके घुटने के नीचे एक या दोनों पैर नहीं होते हैं और जो दौड़ने के लिए कृत्रिम पैर पर निर्भर रहते हैं।
17 जनवरी को राष्ट्रपति देंगे इसको पुरस्कार :- इस बार इन चुने गए सभी खिलाड़ियों को 17 जनवरी, 2025 (शुक्रवार) को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में विशेष रूप से आयोजित एक समारोह में भारत के राष्ट्रपति द्वारा उनके पुरस्कार वितरित किए जाएंगे।
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