NADA: डोपिंग मामलों को लेकर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने एक बड़ी कार्यवाई को अंजाम दिया है। तभी तो अब नाडा ने डोपिंग में मिलीभगत होने के कारण जूनियर राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच रमेश नागपुरी को निलंबित कर दिया है। इस बीच अब राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने डोपिंग से जुड़े मामलों की जो नवीनतम सूची जारी की है समें सात एथलीट पारस सिंघल, पूजा रानी, नालुबोथु शनमुगा श्रीनिवास, चेलिमी प्रतुशा, शुभम महरा, किरण और ज्योति भी शामिल हैं।
जूनियर राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच रमेश नागपुरी हुए निलंबित :-
इसके चलते हुए अब राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने डोपिंग में मिलीभगत होने के कारण बड़ी कार्रवाई करते हुए जूनियर राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच रमेश नागपुरी को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा इस बार जिन भी सात एथलीटों ने परीक्षण से बचने की कोशिश की थी।

उन सभी को भी निलंबित कर दिया गया है। तभी तो अब यह मामला राष्ट्रीय एथलेटिक्स के लिए यह करारा झटका है। उनके अलावा भी दो अन्य कोच करमवीर सिंह और राकेश को भी डोपिंग से जुड़े मामलों में निलंबित कर दिया गया है।
नाडा ने जारी की नवीन सूची :-
इस समय राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने डोपिंग से जुड़े मामलों की जो नवीनतम सूची जारी की है उसमें सात एथलीट पारस सिंघल, पूजा रानी, नालुबोथु शनमुगा श्रीनिवास, चेलिमी प्रतुशा, शुभम महरा, किरण और ज्योति भी शामिल हैं। वहीं इन सभी को निलंबित कर दिया गया है।

साल 2024 में सिंघल ने खेलो इंडिया युवा खेलों में हरियाणा के लिए लड़कों की 2000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा उन्होंने साल 2024 में फेडरेशन कप, राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप और राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप तीनों में 200 मीटर में रजत पदक जीता था।
इस समय हैदराबाद के साई केंद्र में कार्यरत थे नागपुरी :-
इस समय नागपुरी हैदराबाद में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में कार्यरत थे। उनको राष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ ने द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित भी किया था। इसके अलावा उनको साल 2023 में जूनियर मुख्य कोच नियुक्त किया था। डोपिंग मामले के चलते हुए अब उनको साल 2021 के नाडा डोपिंग रोधी नियमों के अनुच्छेद 2.9 के तहत निलंबित कर दिया गया है। उनका यह मामला किसी खिलाड़ी या अन्य व्यक्ति द्वारा मिलीभगत या मिलीभगत का प्रयास करने से संबंधित है।

इस बीच सूत्रों के अनुसार नागपुरी ने कथित तौर पर दो एथलीटों को साइ के हैदराबाद केंद्र में नाडा के डोप संग्रह अधिकारियों से परीक्षण से बचने में मदद की थी। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं की 100 मीटर राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक दुती चंद को और साल 2024 में पैरालिंपिक कांस्य विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन (400 मीटर) दीप्ति जीवनजी को प्रशिक्षित भी किया है। इसके अलावा यह पहली बार नहीं है कि किसी एथलेटिक्स कोच को डोपिंग से संबंधित अपराधों के लिए दंडित किया गया है।

इससे पहले नवंबर 2022 में ही राष्ट्रीय डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल (एडीडीपी) ने अपने कोच कीर्ति भोइटे को प्रतिबंधित पदार्थ ड्रोस्तानोलोन का इंजेक्शन लगाने के लिए मुंबई स्थित एथलेटिक्स कोच मिकी मेनेजेस पर चार साल का प्रतिबंध और 50000 रुपये का जुर्माना भी लगा दिया था। उस समय भी इस एथलीट पर दो साल का प्रतिबंध लगाया गया था।
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