आज के दौर में भारतीय महिला क्रिकेट टीम पुरुष टीम से ज्यादा पीछे नहीं है। फैंस आज पुरुष व महिला दोनों ही क्रिकेट टीम को सपोर्ट करते हैं। लेकिन क्या ऐसा 40 साल पहले था? भारतीय महिला टीम की पहली कप्तान कौन थीं? क्या पहले भी भारतीय महिला टीम को आज के बराबर सुविधाएं व पैसे मिलते थे? क्या पहले भी महिला खिलाड़ियों को आज की तरह सम्मान मिलता था? भारतीय महिला टीम को शिखर तक पहुंचाने का काम किस महिला क्रिकेटर ने किया? आपके इन्हीं सारे सवालों के जवाब आज इस लेख में दने जा रहे हैं।
पहली महिला टेस्ट टीम की कप्तान
आज हम एक ऐसी भारतीय महिला क्रिकेटर की बात करने जा रहे हैं, जिनकी वजह से महिला क्रिकेट का टीवी पर प्रसारण हुआ। जी हां दरअसल, हम पहली महिला टेस्ट टीम की कप्तान शांता रंगास्वामी की बात कर रहे हैं। शांता रंगास्वामी ने भारतीय महिला क्रिकेट को अस्तित्व में लाने के लिए काफी मेहनत की है। ये ही वजह है कि शांता रंगास्वामी बीसीसीआई की तरफ से भारत की पहली लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड पाने वाली महिला बनी थीं। अपने करियर में उन्होंने कुल 16 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से कुल 12 मैचों में उन्होंने कप्तानी भी की थी।
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से अलावा रंगास्वामी को अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। ये सारे सम्मान को पाने के लिए रंगास्वामी ने भारतीय क्रिकेट के लिए काफी मेहनत की और उन्हें ही भारतीय महिला क्रिकेट का जनक भी माना जाता है। साल 1970 में भारतीय महिला क्रिकेट संघ की स्थापना हुई थी और उस वक्त महिला क्रिकेट को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाता था। इसके बाद ही रंगास्वामी ने महिला क्रिकेट को अस्तित्व में लाने के लिए काफी मेहनत की।
महिला क्रिकेट को टीवी पर लाने के लिए किया संघर्ष
रंगास्वामी की मेहनत की बदौलत पहली बार महिला क्रिकेट को टीवी पर प्रसारित किया गया था। साल 1984 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का एक टेस्ट मैच था और इस मैच में टीम ने जीत भी दर्ज की थी, लेकिन इस मैच का टीवी पर प्रसारण नहीं हो पाया था। ये ही बात उस वक्त की मौजूदा कप्तान रंगास्वामी को रास नहीं आती थी। उनको पता था कि जब तक महिला क्रिकेट के मैचों को टीवी पर नहीं दिखाया जाएगा तब तक उनको लोग नहीं जानेगें और लोग नहीं जानेंगे तो उनको वो सुविधाएं नहीं मिल पाएंगी जैसे कि पुरुष टीम को मिला करती हैं। इसके बाद रंगास्वामी ने उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलने का निर्णय लिया। काफी मसक्कत करने के बाद वो इंदिरा गांधी से मिली और उन्होंने पीएम से महिला क्रिकेट को टीवी में प्रसारित करने के लिए आग्रह किया। पीएम इंदिरा गांधी ने उनकी बात मान ली और अगले मैच से महिला क्रिकेट को भी टीवी पर दिखाया जाने लगा। जिसके बाद ही भारतीय महिला क्रिकेट आगे बढ़ा और आज आलम ये है कि भारतीय महिला क्रिकेट की खिलाड़ी को किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं आका जा सकता है।