मार्शल आर्ट, खुद की रक्षा कर बनाए करियर
भारत में भी मार्शल आर्ट प्राचीन संस्कृति और पारंपरिक खेलों का हिस्सा है। दक्षिण भारत से मार्शल आर्ट की शुरुआत हुई और वर्तमान समय में हिंदुस्तान के अलग-अलग क्षेत्रों में इसे उनकी संस्कृति के हिसाब से अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
हिंदुस्तान के लिहाज से मार्शल आर्ट पहले की तुलना में विकसित होने लगा है। आज कई जगह पर मार्शल आर्ट के आयोजन किए जाते हैं और कुछ जगहों पर इसे अच्छे स्तर पर सिखाया भी जा रहा है। जब भी हम मार्शल आर्ट का नाम सुनते हैं, तो हमारे मन में जो सबसे पहली बात आती है वो आत्मरक्षा को लेकर है। इसके पीछे का कारण मार्शल आर्ट को आत्मरक्षा की विधा माना जाता है। इसमें खुद की सांसों पर नियंत्रण, एकाग्रता और अनुशासन के द्वारा दांव-पेच की कलाएं सिखाई जाती हैं। अगर बात करें इसके अविष्कार की तो माना जाता है कि चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों में ने दुनिया तक पहुंचाने का काम किया है। ये शब्द पंद्रहवीं शताब्दी में अपने अस्तित्व में आया। ये एक यूरोपिय शब्द है, जिसे आज यूरोपिय मार्शल आर्ट के रूप में जाना जाता है। भारत में भी मार्शल आर्ट प्राचीन संस्कृति और पारंपरिक खेलों का हिस्सा है। दक्षिण भारत से मार्शल आर्ट की शुरुआत हुई और वर्तमान समय में हिंदुस्तान के अलग-अलग क्षेत्रों में इसे उनकी संस्कृति के हिसाब से अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
मार्शल आर्ट में करियर
अब मार्शल आर्ट के आप दो तरह से फायदा ले सकते हैं। पहला ये कि इससे आप आत्मरक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य का फायदा तो ले ही सकते हैं। इसके अलावा एक बेहतरीन करियर के रूप में इसे आप चुन भी सकते हैं। बता दें कि मार्शल आर्ट के एथलिट्स को भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस बल तथा सुरक्षा एजेंसियों में रोजगार मिलता है और ऐसे लोगों को प्राथमिकता भी दी जाती है। इसके अलावा भी कई क्षेत्रों में अपराधियों के खिलाफ हल्ला बोलने के लिए मार्शल आर्ट की बेहद जरूरत होती है। ये ही कारण है कि आज मार्शल आर्ट प्रोफिशनल की मांग तेजी से बढ़ रही है। आइए मार्शल आर्ट बनने के लिए जरूरी योग्यताएं, करियर और वेतन के बारे में आपको बताते हैं।
योग्यता
माना जाता है कि मार्शल आर्ट सीखने को किसी उम्र या सीमा के साथ बांध कर नहीं रखा जा सकता है, लेकिन आपको करियर के रूप में इसके 10 से 25 वर्षों के बीच सीख लेना चाहिए। मार्शल आर्ट में निपुण होने के लिए सबसे पहले आपको मानसिक और शाररिक रूप से फिट होना जरूरी है। यदि आपको एक बेहतर मार्शल आर्ट बनना है तो आपमें इसके गजब का जुनून होना, मेहनत करने की शक्ति एंव जोश होना जरूरी है।
नौकरी के अवसर
आज के समय में मार्शल आर्ट सिर्फ प्राइवेट संस्थानों में ही नहीं बल्कि सरकारी क्षेत्रों में अपना करियर बना सकता है। सरकारी क्षेत्रों में एक प्रशिक्षित मार्शल आर्टिस्ट की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इसमें कलाएं सीखकर आप खुद का संस्थान भी खोल की पैसे कमा सकत हैं। प्रारंभिक समय में आप 15 से 20 हजार रूपये तक का वेतन पा सकते हैं, लेकिन अनुभव पाने के बाद आप बेहतर सैलरी के योग्य हो सकते हैं।
मुख्य संस्थान
- अकेडमी ऑफकंबाइंड मार्शल आर्ट, अंधेरी वेस्ट, मुंबई
- ग्लोबल स्पोर्ट्स कराडे डू इंडिया, हैदराबाद
- सीडो कराटे इंडिया, नोएडा
- फ्रेंड्स अकेडमी ऑफमार्शल आर्ट, झंडेवाला, दिल्ली
- कुंगफू कराटे अकेडमी, चंडीगढ़
- संजय कराटे स्कूल जालंधर, पंजाब
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