ECB to pay touring fees to Zimbabwe for historic one-off Test tour in 2025
जिम्बाब्वे (Zimbabwe) आधुनिक क्रिकेट में पहली ऐसी टीम बनने जा रही है, जिसे मई 2025 में इंग्लैंड में एक टेस्ट मैच के लिए मेजबान बोर्ड द्वारा द्विपक्षीय क्रिकेट में टूरिंग फीस का भुगतान किया जाएगा। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के CEO रिचर्ड गोल्ड (Richard Gold) ने शुक्रवार को एजबेस्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जा रहे टेस्ट के पहले दिन इसकी पुष्टि की।
बता दें कि, गोल्ड ने ही पिछले साल फाइनल वर्ल्ड पॉडकास्ट से बात करते हुए यह सुझाव दिया था कि अलग-अलग फुल नेशन द्वारा राजस्व की असमानता को दूर करने और टेस्ट क्रिकेट की क्वालिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। इसके समाधान के लिए, गोल्ड ने मेजबान बोर्ड द्वारा यात्रा करने वाली टीमों को टूरिस्ट फीस का भुगतान करने की सिफारिश की है।
जिम्बाब्वे को टूरिंग फीस का भुगतान करेगी ECB – CEO Richard Gold

रिचर्ड गोल्ड (Richard Gold) कहा कि, इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB), और बीसीसीआई तथा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य वित्तीय रूप से मजबूत बोर्ड को टेस्ट क्रिकेट को प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत है। उन्होंने इसे एक बड़ी जिम्मेदारी भी बताया है। साथ ही साथ, उन्होंने यह भी कहा कि जब जिम्बाब्वे अगले साल इंग्लैंड का दौरा करेगी, तो उन्हें टूरिंग फीस दिया जाएगा। बता दें कि, ऐसा पहली बार होगा जब कोई मेजबान बोर्ड किसी टूरिस्ट टीम को टूरिस्ट फीस का भुगतान करेगी।
गोल्ड ने स्काई स्पोर्ट्स पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक एथरटन से कहा, “यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। जब आप देखते हैं कि आईसीसी से राजस्व हिस्सेदारी है या द्विपक्षीय क्रिकेट से राजस्व हिस्सेदारी है, तो यह राजस्व जिस तरह से वितरित किया जाता है, वह काफी पुराना है। उदाहरण के लिए, अगले साल जिम्बाब्वे [इंग्लैंड] दौरे पर आ रहा है। आम तौर पर ऐसा होता है कि दौरा करने वाली टीम खुद ही मेजबान देश में आती है और फिर उसके रहने-खाने और बाकी सभी चीजों का ध्यान रखा जाता है। लेकिन दौरा करने वाली टीम के लिए कोई फीस नहीं है। अगले साल जब हम जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलेंगे, तो दौरा करने वाली टीम के लिए फीस होगा।”

छोटे देशों में टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखने के लिए लागत बढ़ती जा रही है और वहां पर लंबे फॉर्मेट के लिए ब्रॉडकास्टिंग राइट्स की कीमत बेहद ही कम है। इसी के चलते, क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) के सीईओ जॉनी ग्रेव ने आईसीसी के राजस्व-वितरण मॉडल पर सवाल भी उठाया था। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ के लिए दूसरे दर्जे की टेस्ट टीम भेजने के बाद क्रिकेट वेस्टइंडीज की आलोचना की जा रही थी, जिस पर उन्होंने अपना जवाब दिया था।
बता दें कि, मेजबान ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज में मेहमान टीम को पहले मैच में करारी हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन गाबा में खेले गए अंतिम टेस्ट में शमार जोसेफ ने पैर के अंगूठे में चोट लगने के बावजूद शानदार गेंदबाजी करके अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।
जनवरी में ग्रेव ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा था कि “CWI (क्रिकेट वेस्टइंडीज) ने पिछले चार महीनों में ऑस्ट्रेलिया में टीमें भेजने में 2 मिलियन डॉलर से ज़्यादा खर्च किए हैं और जबकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) को उन सीरीज़ से सभी आर्थिक लाभ मिले हैं, हमें बदले में एक भी डॉलर नहीं मिला है। क्या यह वाकई उचित, तर्कसंगत और टिकाऊ है?”
ईसीबी सीईओ गोल्ड ने कहा कि, क्रिकेट वेस्टइंडीज जैसे कमज़ोर बोर्ड के प्रति उनकी सहानुभूति है, लेकिन वह उन्हें मज़बूत बनाए रखने के तरीके खोजने में पीछे नहीं हटे थे। उन्होंने ने यह भी बताया कि उन्होंने वेस्टइंडीज बोर्ड से उनकी सहायता करने को लेकर चर्चा की थी।
गोल्ड ने कहा, “वेस्टइंडीज के आने से छह, नौ महीने पहले मैंने उनसे [इस बारे में] बातचीत की थी, कि हम उन्हें क्या सहायता प्रदान कर सकते हैं। और यह दिलचस्प है क्योंकि यह सिर्फ़ टेस्ट मैच चक्र पर ही नहीं होगा। उदाहरण के लिए, हमने उनकी मदद करने के लिए [2023 में] क्रिसमस से पहले वेस्टइंडीज में दो अतिरिक्त टी20 मैच खेले।”

हाल ही में MCC वर्ल्ड क्रिकेट कनेक्ट्स संगोष्ठी में बोलते हुए, ECB के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन ने लॉन्ग रूम में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बोर्ड की वार्षिक आय का केवल 4% आईसीसी राजस्व वितरण से आता है, जबकि अधिकांश द्विपक्षीय क्रिकेट के प्रसारण अधिकारों से आता है। नतीजतन, ईसीबी के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी था कि पुरुष और महिला दोनों प्रारूपों में खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट का स्तर मजबूत हो और उनके विरोधी भी प्रतिस्पर्धी हों। इसीलिए, ईसीबी को टेस्ट क्रिकेट के पिरामिड को मजबूत रखने में योगदान देना होगा।