टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर पर जोरदार पलटवार किया है। ABP न्यूज के ‘इंडिया ऐट 2047’ समिट में गंभीर ने अपने कोचिंग कार्यकाल, आलोचनाओं और हाल ही में हुए चैंपियंस ट्रॉफी के इनाम पर उठे सवालों का खुलकर जवाब दिया। गंभीर ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका निशाना साफ तौर पर गावस्कर की ओर था, जिन्होंने अपने कॉलम में गंभीर से पूछा था कि क्या वह भी राहुल द्रविड़ की तरह अतिरिक्त बोनस लेने से इनकार करेंगे।
“कमेंट्री बॉक्स से देश नहीं चलता”
गंभीर ने अपनी बात बिना लाग-लपेट के रखी। उन्होंने कहा, “कुछ लोग पिछले 20-25 सालों से कमेंट्री बॉक्स में बैठे हैं और हर उस चीज़ पर सवाल उठाते हैं जो मैंने की। उन्हें लगता है कि भारतीय क्रिकेट उनकी निजी संपत्ति है। दुर्भाग्य से, भारतीय क्रिकेट किसी एक की नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की पहचान है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनके कोचिंग रिकॉर्ड, चैंपियंस ट्रॉफी की इनामी राशि और यहां तक कि उनकी फिटनेस पर भी सवाल उठाए गए।
“मैं टैक्स बचाने के लिए NRI नहीं बनूंगा”
गंभीर ने NRI बने रहने की सोच पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “जो लोग सिर्फ एक दिन देश में बिताते हैं और बाकी समय विदेश में रहते हैं, वे दूसरों पर पत्थर फेंकते हैं। मैं भारतीय हूं और आखिरी सांस तक भारतीय ही रहूंगा। मैं टैक्स बचाने के लिए NRI नहीं बनूंगा।”
इस बयान से उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि वे न केवल मैदान पर, बल्कि सोच और मूल्यों में भी पूरी तरह भारतीय हैं।
“मैं 10-12 साल के बच्चे के लिए कोच बना हूं”
गंभीर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसके लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरा काम किसी कमेंटेटर को जवाब देना नहीं है। मैं उस 10-12 साल के बच्चे के लिए कोच बना हूं जो 6-7 घंटे धूप में बैठकर मैच देखता है। अगर वह खुशी से घर लौटे, तो वही मेरी सबसे बड़ी सफलता है।”
उन्होंने मीडिया, यूट्यूब और ब्रॉडकास्टरों की राय को महत्वहीन बताया और कहा कि उनका काम सिर्फ टीम को प्रदर्शन के लिए तैयार करना है।
“मुझे आलोचना से डर नहीं”
गंभीर ने माना कि कोचिंग का काम आसान नहीं है और आलोचना हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने कहा, “जब मैंने 140 करोड़ भारतीयों की टीम का हेड कोच बनना स्वीकार किया, तो मुझे पता था कि हर दिन प्रदर्शन के आधार पर जज किया जाएगा। मैंने 8 महीने में उतार-चढ़ाव देखे हैं, और आगे भी देखूंगा। अगर नतीजे नहीं मिलते, तो आलोचना को स्वीकार करना मेरी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती है, भले ही कुछ टेस्ट सीरीज हारी हों।
चैंपियंस ट्रॉफी इनाम पर खुलासा
सुनील गावस्कर ने अपने कॉलम में सवाल उठाया था कि क्या गंभीर राहुल द्रविड़ की तरह अतिरिक्त इनामी राशि को ठुकराएंगे। इस पर गंभीर ने कहा, “मैं इस देश को नहीं बताना चाहता कि उस इनामी राशि का मैंने क्या किया। लेकिन देश को यह जरूर पता होना चाहिए कि कुछ लोग यहां से कमाते हैं और पैसा बाहर ले जाते हैं।”
इससे पहले राहुल द्रविड़ ने 2024 टी20 वर्ल्ड कप के बाद 2.5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि लेने से इनकार कर दिया था और सपोर्ट स्टाफ के बराबर हिस्सा लिया था।
गंभीर का सीधा संदेश
गंभीर का यह पूरा बयान इस ओर इशारा करता है कि वे टीम इंडिया में पारदर्शिता और नतीजों पर आधारित कार्य संस्कृति लाना चाहते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह ना तो आलोचना से डरते हैं, ना ही किसी को खुश करने के लिए काम करते हैं। भारतीय क्रिकेट की पहचान को मजबूती देना और मैदान पर नतीजे देना उनका एकमात्र मकसद है।
अब देखना यह होगा कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में गंभीर की रणनीति कैसी रहती है और वह अपनी आलोचनाओं को प्रदर्शन से जवाब दे पाते हैं या नहीं।
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