महिला हॉकी टीम की कोच ने दिया इस्तीफा, मैनेजमेंट पर लगाए ये आरोप
बता दें, इस साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय महिला टीम के क्वालीफाई नहीं करने के बाद से शोपमैन को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था।
बीते शुक्रवार यानी 23 फरवरी के दिन भारतीय महिला हॉकी टीम मैनेजमेंट की तरफ से एक बड़ी खबर आई थी। दरअसल, भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच जेनेक शोपमैन ने अपने पद से इस्तीफा देने के बाद सभी को चौंका दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा हॉकी इंडिया के प्रेसिडेंट दिलीप टर्की को सौंपा था। बता दें कि इस साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय महिला टीम के क्वालीफाई नहीं करने के बाद से शोपमैन को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। इसके अलावा उन्होंने बीते दिनों एक बयान भी दिया था जिसमें शोपमैन ने कहा था कि भारतीय महिलाओं का रहना कठिन हैं। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि वो जल्द ही कोच पद से मुक्त होना चाहती हैं।
महिला खिलाड़ियों के साथ होता है भेदभाव- जेनेक शोपमैन
जेनेक शोपमैन के द्वारा दिया गए बयान में कहा गया था कि भारत में महिला कोच और खिलाड़ियों के साथ भेदभाव होता है। इसके अलावा शोपमैन ने कहा था कि पिछले दो सालों में उन्हें बहुत अकेलापन महसूस हुआ था। उन्होंने कहा कि मैं उस संस्कृति से आती हूं जहां पर महिलाओं का सम्मान किया जाता है। उन्हें महत्व दिया जाता है। मुझे यहां पर ऐसा महसूस नहीं होता।
जानकारी के लिए बता दें कि डच कोच ने 2021 में सोर्ड मरीन की जगह ली थी। सोर्ड मरीन ने भारतीय महिला टीम को टोक्यो ओलंपिक के दौरान टीम को ऐतिहासिक चौथे स्थान पर पहुंचाया था। शॉपमैन का अनुबंध इस साल पेरिस ओलंपिक के बाद समाप्त होने वाला था। लेकिन उनकी हालिया आलोचनाओं के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि वो जल्द ही कोच पद से इस्तीफा दे सकती हैं और ठीक ऐसा ही हुआ। इसके बाद हॉकी इंडिया के द्वारा दिए गए बयान में बताया गया कि 46 वर्षीय कोच ने ओडिशा में एफआईएच हॉकी प्रो लीग के घरेलू चरण में टीम का अभियान खत्म होने के बाद हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
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