SL vs IND 1st ODI: Why did Team India wear a black armbands in the first ODI against Sri Lanka?
श्रीलंका और भारत के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला (SL vs IND 1st ODI) कोलम्बो के आर० प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मुकाबले में मेजबान श्रीलंका टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी है। जब भारतीय टीम पहले फील्डिंग करने मैदान पर उतरी तो सभी खिलाड़ियों ने अपने बाँह पर काली पट्टी बांधकर रखा था। इसके बाद से ही फैंस के मन में यह जानने की उत्सुकता जाग गई है कि, आखिर इसके पीछे का कारण क्या है।

बता दें कि, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा जब कोलम्बो में टॉस करने के लिए बाहर आए तो उन्होंने अपने बाँह पर काली पट्टी बांधकर रखी थी। इसके पीछे एक ऐसी वजह है, जो भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद ही दु:खद है। दरअसल, भारतीय खिलाड़ियों ने एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर को श्रद्धांजलि देने के लिए ऐसा काम किया है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर Anshuman Gaekwad को श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय खिलाड़ियों ने बाँधी काली पट्टी

शुक्रवार को पल्लेकेले में खेले जा रहे पहले वनडे में भारतीय खिलाड़ी ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ (Anshuman Gaekwad) को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने बाँह पर काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे थे।
गौरतलब हो कि, पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे और लंदन में उनका इलाज चल रहा था। उस दौरान कपिल देव जैसे कई पूर्व खिलाड़ियों ने बीसीसीआई से उनकी मदद करने की अपील की थी।
बता दें कि, पूर्व भारतीय क्रिकेटर और वर्ल्ड कप 1983 में भारत की चैम्पियन टीम का हिस्सा रहे संदीप पाटिल ने सबसे पहले यह जानकारी दी थी कि, अंशुमान गायकवाड़ कैंसर से पीड़ित हैं और उनके पास इलाज करने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। इसके बाद कई अन्य खिलाड़ियों ने भी बीसीसीआई से मदद की गुहार लगे थी।
बोर्ड ने जल्द ही इस मामले को संज्ञान में लेते एक करोड़ का फंड रिलीज किया, ताकि उनका अच्छे से इलाज हो सके। इसके साथ ही साथ, बोर्ड ने आगे भी गायकवाड़ की हरसंभव मदद करने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन 31 जुलाई को वह जिंदगी की जंग हार गए, जो भारतीय क्रिकेट के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
ऐसा था अंशुमान गायकवाड़ का क्रिकेट करियर

अंशुमान गायकवाड़ एक भारतीय बल्लेबाज थे, जिन्होंने 1975 से लेकर 1985 तक भारत के लिए 40 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 1985 रन भी बनाए। इसके अलावा, वह 1975 से लाकर 1987 तक वनडे क्रिकेट में भी सक्रिय रहे, लेकिन वह 12 सालों के अन्तराल में सिर्फ 15 वनडे मैच ही खेल सके और सिर्फ 269 रन ही बना सके।