Why has France banned hijab for its own athletes at Paris Olympics 2024?
पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) में फ्रांसीसी खिलाड़ियों पर हिजाब प्रतिबंध को लेकर विवाद चल रहा है। फ्रांस ने अपने खिलाड़ियों को पेरिस में होने वाले समर ओलंपिक के दौरान सिर पर स्कार्फ़ या किसी भी तरह का धार्मिक टोपी पहनने की अनुमति नहीं देने वाला है। बता दें कि, यह प्रतिबंध फ्रांस सरकार द्वारा लागू किया गया है। फ्रांस की खेल मंत्री एमिली ओडेया-कास्टेरा ने कहा कि यह प्रतिबंध पेरिस ओलंपिक के लिए प्रभावी होगा। हालाँकि, ये नियम अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के अंतर्गत नहीं आते हैं।
फ्रांस ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने खिलाड़ियों के लिए हिजाब पर प्रतिबंध क्यों लगाया है?

गौरतलब हो कि, फ्रांस का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को सिविल सर्वेंट माना जाता है, इसलिए उन्हें राष्ट्रीय कानून का पालन करना जरूरी होता है। फ्रांस का राष्ट्रीय कानून फ्रांसीसी सिविल सर्वेंट्स को हिजाब, घूंघट और सिर पर स्कार्फ़ बांधने सहित धार्मिक प्रतीकों को पहनने से रोकता है। इसीलिए, पेरिस ओलंपिक 2024 में फ़्रांस के एथलीट्स इस नियम का पालन करते हुए नजर आएँगे।
फ्रांसीसी खिलाड़ियों को ओलंपिक गेम्स में प्रतियोगिता के दौरान भले ही धार्मिक टोपी या स्कार्फ पहनने की अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन उन्हें ओलंपिक गाँव में इसकी छूट मिली हुई है। पेरिस ओलंपिक के दौरान सभी फ्रांसीसी खिलाड़ियों को सरकार द्वारा बनाए गए इस नियम का पालन करना जरुरी है। उन्होंने इस मामले में अपना रुख पूरी तरह से साफ कर दिया है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में फ्रांसीसी खिलाड़ियों के लिए हिजाब बैन के क्या परिणाम होंगे?

ओलंपिक को हमेशा से ही एक धर्मनिरपेक्ष और अलग-अलग वैराइटी वाला इवेंट माना जाता रहा है। अलग-अलग क्षेत्रों के खिलाड़ी बड़े स्तर पर खेलते हुए अपनी संस्कृति को अपनाते हैं। इसीलिए, हिजाब पर बैन को धर्म की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन माना जा रहा है। इसीलिए, कई सारे लोग इसे न केवल धार्मिक उत्पीड़न बल्कि मानवाधिकारों का उल्लंघन भी मान रहे हैं।
बता दें कि, फ़्रांस की सरकार ने सिविल सर्वेंट्स को हिजाब या किसी भी प्रकार की धार्मिक टोपी पहनने पर प्रतिबन्ध लगा रखा है, इसीलिए वह पेरिस ओलम्पिक में अपने खिलाड़ियों को ऐसा करने से रोक रहे हैं। हालाँकि, देश के कई बड़ी हस्तियाँ इस बैन को हटाने की मांग कर रहीं हैं। इसके अलावा, कई महिला खिलाड़ी इससे खफा होकर दूसरे देशों में भी चली गई हैं। इतना ही नहीं, कुछ खिलाड़ियों ने तो खेलों में हिस्सा लेने बंद कर दिया है।

पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी हेलेन बा ने इसके लिए बास्केट पोर टाउट्स नामक संगठन की स्थापना की है। दरअसल, उन्होंने कुछ साल पहले कानून की पढ़ाई के लिए खेल से ब्रेक ले लिया था। लेकिन 2022 में जब उन्होंने खेल में वापसी की, तो फ्रांस सरकार द्वारा हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया। तब से बा और अन्य खिलाड़ी फ्रांस में धार्मिक भेदभाव के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक-दूसरे से हाथ मिला रहे हैं। बता दें कि, पेरिस ओलंपिक के दौरान हिजाब प्रतिबंध को ओलंपिक मूल्यों – उत्कृष्टता, सम्मान और दोस्ती – के खिलाफ बताया गया है हैं।