History of the Olympic Torch: पेरिस ओलम्पिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई से फ्रांस की मेजबानी में होने वाली है। इस ओलम्पिक के अलग-अलग इवेंट राजधानी पेरिस सहित 16 अलग-अलग शहरों में खेले जाएंगे। इस ओलंपिक में भी हर बार की तरह इस बार की तरह मशाल जलाई जाएगी।
हर चार साल में जब भी ओलंपिक गेम्स का आयोजन होता है, तब उद्घाटन समारोह के समय एक मशाल के माध्यम से खेलों का शुभारंभ होता है। इस मशाल के जरिए एक आग की लौ जलाई जाती है, जो तब तक जलती रहती है जब तक वह ओलंपिक समाप्त नहीं हो जाता है।
यह मशाल एक ओलंपिक गेम्स के समाप्त होने के बाद उस देश में पहुंचाई जाती है, जहाँ अगला ओलंपिक होने वाला होता हैं। पेरिस ओलंपिक्स में यह मशाल 26 जुलाई को ओपनिंग सेरेमनी के दौरान जलाई जाएगी। इस आर्टिकल में हम ओलंपिक मशाल के इतिहास और उसके पीछे छुपे साइंस के बारे में बात करने जा रहे हैं।
History of the Olympic Torch: ओलंपिक मशाल की इतिहास
ओलंपिक मशाल का इतिहास बहुत लंबा रहा है। माना जाता है कि, इसकी शुरुआत बरसों पहले ग्रीस में होने वाले प्राचीन ओलंपिक गेम्स के समय हुई थी। ग्रीक पैराणिक कथाओं के अनुसार इस मशाल के पीछे लोगों की सांस्कृतिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं।

वहीं, मॉडर्न ओलंपिक की बात करें तो ओलंपिक मशाल को पहली बार 1936 में लाया गया था। पुराने समय में एक मशाल के अंदर आग लगाई जाती थी और कोई फेमस एथलीट उसे लेकर दौड़ता था। एक यादगार वाकया यह भी है कि, 1956 में जब रांन क्लार्क मशाल लेकर दौड़ रहे थे, तब उनकी टी-शर्ट जल गई थी लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने भागना जारी रखा।
History of the Olympic Torch: वैज्ञानिकों ने निकाला नया तरीका
ओलंपिक में उस दुर्घटना को लेकर बाद में साल 2000 में वैज्ञानिकों ने एक नई मशाल तैयार की जो पहले से कहीं अधिक सुरक्षित थी। इस बार वैज्ञानिकों ने नई तकनीक इज़ात कर ली थी, जिसकी मदद से पहली बार मशाल को पानी के अंदर भी ले जाया गया।

इस नई मशाल की खोज यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड ने टर्बुलेंस एनर्जी कंबशन ग्रुप और एक छोटी कंपनी के साथ मिलकर की थी। आपको बता दें कि, यह मशाल इस प्रकार से तैयार किया गया है कि चाहे मौसम तूफानी हो या फिर बारिश का हो, किसी भी परिस्थिति में यह बंद नही होगी।
हालाँकि,साल 2000 के बाद मशाल का साइज छोटा बड़ा होता रहा है। लेकिन उसके बाद इसी तकनीकी के आधार पर मशाल का इस्तेमाल होता रहा है।
History of the Olympic Torch: ओलंपिक मशाल से आप क्या समझते हैं?
ओलंपिक मशाल वह मशाल है, जिसे IOC के अधिकार के तहत ओलंपिया में जलाया जाता है। आधुनिक खेलों के संदर्भ में, ओलंपिक मशाल उन सकारात्मक मूल्यों की अभिव्यक्ति है, जिन्हें मनुष्य ने हमेशा आग के प्रतीकवाद के साथ जोड़ा है। इस प्रकार, यह प्राचीन और आधुनिक खेलों के बीच की कड़ी को जोड़ता है।
History of the Olympic Torch: ओलंपिक मशाल का वजन
ओलंपिक मशाल त्रिकोणीय है, जो लंदन द्वारा तीन बार खेलों की मेजबानी (1908,1948 और 2012) को दर्शाती है। इसके साथ ही साथ, यह ओलंपिक के मूल्यों सम्मान, उत्कृष्टता और मित्रता का भी प्रतीक है।

इस मशाल को चेल्स और हयाशी ने डिजाईन किया है और इसका निर्माण रिकैम लेजर ने किया है। इसकी लंबाई 69 सेंटीमीटर और वजन 1.5 किलोग्राम है।
यह भी पढ़ें:-Pro Kabaddi: क्या आप को पता है कबड्डी के ये नियम, कुछ खास और मुख्य बातें जिसे जानना आवश्यक है
1 Comment
Pingback: Paris Olympics 2024: ओलंपिक इतिहास में सबसे ज्यादा मेडल किस देश ने जीता है, इन देशों ने नही जीता है एक भी पदक