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Chirag Chikkara: अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा वर्ग के फाइनल मुकाबले में भारत के पहलवान चिराग चिक्कारा ने अल्बानिया के तिराना में स्वर्ण पदक जीत लिया है।

Indian Badminton Association: भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के अध्यक्ष और असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा ने अब घोषणा की है कि यह संस्था पेरिस पैरालिंपिक 2024 में पदक विजेताओं को पुरस्कृत करने वाली है।

National Open Championship: राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप के समापन के दिन सेना की लंबी कूद की अनुभवी खिलाड़ी एंसी सोजन ने 6.71 मीटर के अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास के द्वारा स्वर्ण पदक के साथ सर्वश्रेष्ठ महिला एथलीट का पुरस्कार अपने नाम कर लिया है।

US Open 2024: सर्बिया के स्टार टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने पेरिस ओलंपिक 2024 में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया था। इस बार उन्होंने अपने इस शानदार प्रदर्शन के चलते हुए स्वर्ण पदक जीता था। वहीं ओलंपिक चैंपियन बनने के बाद एक बार फिर से नोवाक जोकोविच की नजर 25वें ग्रैंड स्लेम टाइटल पर है।

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 के क्वॉलिफिकेशन राउंड में भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने 89.34 मीटर का थ्रो किया है। जो सभी एथलीटों में किया गया सबसे अच्छा थ्रो है। इस थ्रो के चलते हुए नीरज ने अब फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। क्यूंकि इस अहम मुकाबले से पहले उन्होंने कहा कि फाइनल में जितनी अच्छी तैयारी के साथ आ सकें उतना ही अच्छा होगा।

WTT Contender: भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी श्रीजा अकुला ने फाइनल मुकाबले में चीन की डिंग यिजी को 4-1 से हरा दिया है। श्रीजा अकुला ने इस टूर्नामेंट में कुल दो स्वर्ण पदक जीते है। वहीं पेरिस ओलंपिक के लिए श्रीजा अकुला ने पहले ही क्वालीफाई कर लिया था।

जितनी हमारे देश की आबादी है और जिस तरह की प्रतिभा यहां पर मौजूद है, उसके हिसाब से ओलंपिक में हमारा प्रदर्शन नहीं होता है। इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है कि आखिर दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश की झोली में ओलंपिक जैसे अहम इवेंट में पदक उस हिसाब क्यों नहीं आ पाते जितने आने चाहिए। 

Federation Cup 2024: भारत के गोल्डन हैंड स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर से भाला फेंक प्रतियोगिता में इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा ने भुवनेश्वर में चल रहे फेडरेशन कप 2024 के भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत लिया है।

इससे पहले भारत ने पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी दिनेश खन्ना की अगुवाई में साल 1965 में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीता था। उस वक्त दिनेश ने लखनऊ मे हो रहे फाइनल मैच के दौरान थाईलैंड के सांगोब रत्तानुसोर्न को हराया था।