IPL 2025 अपने निर्णायक दौर में पहुंच चुका है और हर एक मुकाबला प्लेऑफ की दौड़ को और भी दिलचस्प बना रहा है। ऐसे में रविवार, 4 मई को धर्मशाला में होने वाला पंजाब किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स का मुकाबला दोनों टीमों के लिए बेहद अहम है। इस मैच से पहले सबसे बड़ा सवाल यही है कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की पिच पर बल्लेबाज़ों को या गेंदबाज़ों में से किसे फायदा मिलेगा?
धर्मशाला की पिच तेज़ गेंदबाज़ों के लिए वरदान
धर्मशाला की पिच पारंपरिक रूप से तेज़ गेंदबाज़ों के लिए मददगार मानी जाती है। यहां की सतह पर उछाल और गति अच्छी मिलती है, जिससे नई गेंद के साथ स्विंग और सीम मूवमेंट मिलना आम है। यही कारण है कि कई बार शुरुआती ओवरों में बल्लेबाज़ों को रन बनाना मुश्किल होता है।
2023 से अब तक इस मैदान पर खेले गए चार IPL मुकाबलों में तीन बार पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को जीत मिली है। यानी टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाज़ी करना पसंद कर सकती है, ताकि दूसरी पारी में ओस या पिच की सुस्त होने से बचा जा सके। खास बात यह भी है कि इन चार मैचों में दो बार 200 से ज़्यादा का स्कोर बना है। 2023 में दिल्ली कैपिटल्स ने 213 रन बनाए थे, जबकि 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने इसी मैदान पर 241 रन ठोके थे।
बल्लेबाज़ों को भी मिले हैं भरपूर मौके
हालांकि, यह पिच तेज़ गेंदबाज़ों को फायदा देती है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां बड़े स्कोर भी बने हैं। इसका मतलब साफ है कि अगर बल्लेबाज़ शुरुआत में टिक जाएं तो रन बनाना आसान हो जाता है। खासकर दूसरी पारी में जब गेंद थोड़ी पुरानी हो जाती है, तब शॉट्स खेलने में आसानी होती है।
पंजाब किंग्स और लखनऊ सुपर जायंट्स दोनों के पास ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो पिच की गति और उछाल का फायदा उठा सकते हैं। पंजाब की ओर से प्रभसिमरन सिंह और शशांक सिंह फॉर्म में हैं, वहीं लखनऊ की तरफ से निकोलस पूरन और आयुष बडोनी बड़ी पारी खेलने में सक्षम हैं।
कैसा रहेगा मौसम का मिजाज़, क्या बारिश डालेगी खलल?
रविवार को धर्मशाला में सुबह और दोपहर के समय हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक शाम तक आसमान साफ हो सकता है और मैच के समय मौसम अनुकूल रहेगा। फिर भी मैदान गीला होने की स्थिति में टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाज़ी करना चाह सकती है ताकि पिच को करीब से परखा जा सके।
रणनीति और संभावित बदलाव
धर्मशाला की पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिलने की संभावना को देखते हुए पंजाब किंग्स ज़ेवियर बार्टलेट को प्लेइंग इलेवन में शामिल कर सकते हैं। वहीं, युजवेंद्र चहल को दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के खिलाफ सफलता मिली है लेकिन बाएं हाथ के खिलाड़ियों के खिलाफ उनका रिकॉर्ड थोड़ा कमजोर रहा है, इसलिए उन्हें संभलकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
लखनऊ की ओर से मयंक यादव की वापसी गेंदबाज़ी आक्रमण को मजबूती देती है, और उनके साथ अवेश खान तथा दिग्वेश राठी पॉवरप्ले में असरदार हो सकते हैं। खास बात यह है कि राठी का मिडिल ओवर्स में इकॉनमी रेट 6.42 है, जो कि इस सीज़न में सबसे अच्छा है।
पिछला प्रदर्शन भी करता है इशारा
धर्मशाला में पंजाब का रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा है। उन्होंने यहां अब तक कुल 13 IPL मुकाबलों में सिर्फ 5 में जीत दर्ज की है। 2013 के बाद से उन्होंने यहां एक भी मैच नहीं जीता है। दूसरी ओर लखनऊ सुपर जायंट्स भले ही थोड़ा अस्थिर नज़र आ रहे हों, लेकिन उनके पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी परिस्थिति में मैच का रुख पलट सकते हैं।