IPL 2025 में 14 साल के वैभव सूर्यवंशी की तूफानी सेंचुरी के बाद हर तरफ उन्हीं की चर्चा है। लेकिन इस अचानक मिली शोहरत पर राजस्थान टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने बड़ी साफ बात कही है। उन्होंने माना कि इस यंग स्टार में काफी टैलेंट है, लेकिन अभी उसे ‘हीरो’ बना देना सही नहीं होगा।
स्टार स्पोर्ट्स के प्रेस रूम में बुधवार को हुई बातचीत में द्रविड़ ने कहा कि उन्हें हर सवाल वैभव को लेकर ही मिल रहा है और यही बताता है कि अब यह लड़का मीडिया और फैंस के कैमरे से बच नहीं सकता।
“उसे थोड़ा स्पेस दो, वो अभी भी सीख रहा है” – द्रविड़
राहुल द्रविड़ ने कहा, “मैं चाहता हूं कि लोग उसके ऊपर बहुत ज्यादा ध्यान न दें। लेकिन शायद मैं बहुत भोला हो रहा हूं, क्योंकि ये रुकने वाला नहीं है। अब उसकी जिंदगी कैमरों के सामने ही गुजरेगी।”
उन्होंने आगे कहा, “हम उसके आसपास एक सपोर्ट सिस्टम बनाएंगे, ताकि वह इस माहौल को हैंडल कर सके। भारत में क्रिकेटर होना आसान नहीं है, मीडिया और लोगों की उम्मीदें आपको खींच लाती हैं।”
वैभव सूर्यवंशी में क्या है खास?
ऋषभ पंत, शुभमन गिल, पृथ्वी शॉ और यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ियों को तराशाने वाले राहुल द्रविड़ ने वैभव की ताकतें भी गिनाईं।
उन्होंने कहा, “इतनी कम उम्र में ऐसा आत्मविश्वास और मौके को पहचानने की काबिलियत बहुत कम देखने को मिलती है। जिस तरह से उसने 35 गेंदों में शतक लगाया और 11 छक्के मारे, वो हैरान करने वाला है।”
द्रविड़ ने यह भी कहा कि सूर्यवंशी को लेकर बहुत जल्दी कोई राय बनाना गलत होगा। “वो अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। उसे मैचों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा, टीमें उसके खिलाफ रणनीति बनाएंगी। इसलिए उसे अब भी खुद को साबित करना है।”
शानदार ताकत और टाइमिंग से बनाया शतक
गुजरात टाइटंस के खिलाफ खेले गए मैच में वैभव सूर्यवंशी ने सिर्फ 35 गेंदों में 100 रन बना दिए। इस पारी में उन्होंने 11 छक्के लगाए और कई बार गेंदबाज़ों की लेंथ को पहले ही पढ़कर जवाब दिया।
द्रविड़ ने इस पर कहा, “उसकी बैट स्पीड, हाई बैकलिफ्ट, और हैंड-आई कोऑर्डिनेशन कमाल का है। वो लेंथ को इतनी जल्दी पहचान लेता है कि गेंद शॉर्ट हो या फुल, हर बॉल पर अटैक कर सकता है।”
“इसमें मेरा नहीं, उसका ही क्रेडिट है” – राहुल द्रविड़
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें सूर्यवंशी खुद द्रविड़ की तारीफ करते दिखे। इस पर जवाब देते हुए द्रविड़ ने कहा, “क्रेडिट सिर्फ उसी को जाता है। मैं इस सफलता का क्रेडिट नहीं ले सकता। उसके पिता, राजस्थान की टीम और पूरे सिस्टम ने उसे तैयार किया है।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “हमने उसे उसकी उम्र नहीं, टैलेंट देखकर चुना था। हमें सिर्फ ये सुनिश्चित करना है कि वो वही क्रिकेट खेले जिसमें उसे मजा आता है।”
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