भारतीय क्रिकेट में इस वक्त एक बड़ी हलचल की खबर सामने आ रही है। टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं और रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने खुद बीसीसीआई से कह दिया है कि वह अब रेड-बॉल क्रिकेट नहीं खेलना चाहते। इंग्लैंड दौरे से पहले जब बोर्ड टेस्ट टीम का ऐलान करने की तैयारी में है, तब यह खबर और भी अहम हो जाती है। कोहली का हालिया प्रदर्शन और उनका “आई एम डन” के रूप में संकेत एक बड़े फैसले की ओर इशारा करता है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ही कोहली ने कर दिया था इशारा
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विराट कोहली ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ही अपने करीबी साथियों से कहा था कि वह अब टेस्ट क्रिकेट से थक चुके हैं। उस सीरीज में भले ही उन्होंने पहले टेस्ट में शतक जड़ा था, लेकिन इसके बाद उनका प्रदर्शन फीका रहा और उन्होंने पूरे दौरे में सिर्फ 190 रन बनाए। कोहली का “आई एम डन” वाला बयान शायद मज़ाक या थकावट का हिस्सा लगा हो, लेकिन अब जब बीसीसीआई के सामने कप्तान चुनने की चुनौती है, तो यह बात गंभीर लगने लगी है।
चार साल से चली आ रही तकनीकी कमजोरी बनी चिंता का कारण
कोहली के टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने अब तक 123 टेस्ट में 9,230 रन बनाए हैं, जिसमें 30 शतक शामिल हैं। हालांकि, पिछले चार वर्षों में उनका प्रदर्शन लगातार गिरा है। खासकर ऑफ स्टंप के बाहर गेंदों पर बार-बार फंसने की उनकी पुरानी कमजोरी अब और भी बड़ी होती जा रही है। स्लिप या विकेटकीपर के हाथों आउट होना अब आम हो गया है, और यही वजह है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट उनके भविष्य को लेकर असमंजस में है।
कप्तानी के लिए खुद आगे आए कोहली, लेकिन BCCI और गंभीर नहीं माने
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि रोहित शर्मा के टेस्ट से संन्यास के बाद कोहली ने फिर से कप्तानी की जिम्मेदारी उठाने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि जब तक टीम को नया कप्तान नहीं मिलता, वह एक ‘स्टॉप-गैप’ समाधान के रूप में टीम की अगुवाई कर सकते हैं। लेकिन बीसीसीआई और हेड कोच गौतम गंभीर इस विचार से सहमत नहीं हैं।
दरअसल, गंभीर और चयनकर्ता एक युवा कप्तान को जिम्मेदारी सौंपना चाहते हैं, जो अगले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) चक्र में टीम की कमान संभाल सके।
एक सूत्र ने कहा, “अब एक नए चक्र की शुरुआत हो रही है, ऐसे में भविष्य और स्थायित्व को ध्यान में रखकर फैसले लेने होंगे। गौतम गंभीर भी ऐसे खिलाड़ियों के साथ काम करना चाहेंगे जो लंबे समय तक उनके साथ रहें। इंग्लैंड जैसी सीरीज में कोई अस्थायी समाधान नहीं चलेगा।”
अनुभव के लिए कोहली को इंग्लैंड दौरे में रखना चाहता है बोर्ड
हालांकि, बीसीसीआई कोहली के अनुभव को नजरअंदाज नहीं कर रही। बोर्ड चाहता है कि इंग्लैंड जैसे मुश्किल दौरे में विराट टीम का हिस्सा बनें। खासकर, तब जब रोहित शर्मा भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। कोहली का इंग्लैंड में रिकॉर्ड मिला-जुला रहा है। 2021 के दौरे में उन्होंने पांच टेस्ट में 249 रन बनाए थे, जबकि अपने करियर में उन्होंने इंग्लैंड में खेले 17 टेस्ट में कुल 1,096 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं।
अब देखना यह होगा कि विराट कोहली अपने फैसले पर कायम रहते हैं या फिर बोर्ड की सलाह मानकर एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट में उतरते हैं।
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