Bengal Warriorz aim to return to Playoffs in PKL 2025: प्रो कबड्डी लीग सीजन 7 की चैंपियन बंगाल वॉरियर्स PKL 2025 में एक बार फिर प्लेऑफ में पहुंचने की कोशिश करेगी। पिछले चार सीजन से टीम लीग स्टेज में ही बाहर हो रही है और अब सीजन 12 में वापसी के इरादे से मैदान में उतरेगी।
पिछले सीजन में खराब प्रदर्शन के बाद टीम ने बड़ा बदलाव करते हुए अपने पूर्व कोच प्रशांत सूर्यवे को बाहर का रास्ता दिखाया। टीम ने नए हेड कोच के रूप में पूर्व भारतीय खिलाड़ी और गोल्ड मेडल विजेता नवीन कुमार को जिम्मेदारी सौंपी है। नवीन इससे पहले तेलुगु टाइटंस के कोच रह चुके हैं। उनके साथ असिस्टेंट कोच की भूमिका में प्रवीण मलिक होंगे।
रेडिंग यूनिट बनी सबसे बड़ी ताकत
PKL 2025 के ऑक्शन में बंगाल वॉरियर्स ने अपनी रेडिंग लाइन को काफी मज़बूत किया है। इनमें सबसे बड़ा नाम देवांक दलाल का है, जिन्हें टीम ने 2.205 करोड़ रूपये में खरीदा। देवांक ने पिछले सीजन में 301 रेड प्वाइंट्स के साथ सभी को चौंका दिया था और इस बार भी उनसे उसी तरह की उम्मीदें होंगी।
इसके अलावा टीम ने ईरानी रेडर ओमिद खोजास्तेह मोहम्मदशाह को भी टीम में शामिल किया है। उनके साथ सुशील कांबरेकर, विश्वास एस, मनप्रीत, पुनीत कुमार और रचित कुमार जैसे युवा रेडर भी टीम की आक्रमण लाइन को मजबूती देंगे।
टीम ने एक बार फिर कोरियन स्टार रेडर जैंग कुन ली को वापसी करवाई है, जिन्हें उनकी ‘स्कॉर्पियन किक’ के लिए जाना जाता है। साथ ही हिमांशु को भी नीलामी में खरीदा गया, जिससे रेडिंग डिपार्टमेंट और मजबूत हो गया है।
डिफेंस में अनुभव की कमी चिंता का कारण
बंगाल वॉरियर्स की सबसे बड़ी कमजोरी उनका डिफेंस हो सकता है। टीम ने जरूर अपने स्टार डिफेंडर नीतेश कुमार और मयूर कदम को फाइनल बिड मैच के जरिए रिटेन किया है, लेकिन बाकी डिफेंस काफी युवा नजर आता है।
टीम में शिवांश ठाकुर और डेब्यू कर रहे मूलचंद्र सिंह जैसे दो ही ऑलराउंडर हैं, जिससे बैलेंस में कमी नजर आती है। किसी मैच में अचानक जरूरत पड़ने पर टीम को विकल्पों की कमी से जूझना पड़ सकता है।
युवाओं से है उम्मीदें
इस टीम के पास ऐसे कई युवा खिलाड़ी हैं, जो सीजन 12 में बड़ा असर छोड़ सकते हैं। सबसे बड़ा नाम फिर से देवांक दलाल का है, जो एक और शानदार सीजन की ओर देख रहे हैं। वहीं सुशील कांबरेकर भी चोट के कारण पिछला सीजन अधूरा छोड़ चुके थे और अब पूरी तरह फिट होकर वापसी के लिए तैयार हैं।
डिफेंस में भी टीम ने कई युवा विकल्पों को आज़माया है, जैसे यश मलिक (लेफ्ट कॉर्नर), मंजीत (लेफ्ट कवर), दीप कुमार (राइट कवर), अमनदीप, अंकित, संदीप, हरिंदर, पार्तिक और आशीष जैसे खिलाड़ी जो नितेश और मयूर के अनुभव से सीखते हुए टीम को मजबूती देने की कोशिश करेंगे।
ज्यादा निर्भरता और अनुभव की कमी बन सकती है खतरा
टीम की सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि वे सिर्फ देवांक जैसे एक-दो खिलाड़ियों पर ज्यादा निर्भर न रहें। यदि देवांक चोटिल हो जाते हैं या किसी कारणवश उपलब्ध नहीं रहते हैं, तो टीम की रणनीति पूरी तरह बिखर सकती है।
डिफेंस में अनुभव की कमी और ऑलराउंडर्स की संख्या में कमी की वजह से टीम का संतुलन कई मौकों पर गड़बड़ा सकता है। ऐसे में कोच नवीन कुमार के लिए यह एक बड़ी परीक्षा होगी कि वह कैसे इन खिलाड़ियों से उनका बेस्ट परफॉर्मेंस निकालते हैं।
बंगाल वॉरियर्स ने इस सीजन काफी बदलाव किए हैं और उनकी रेडिंग यूनिट सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है। अगर युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर रहता है और डिफेंस स्थिरता दिखाता है, तो यह टीम सीजन 12 में प्लेऑफ तक पहुंचने की रेस में शामिल हो सकती है। हालांकि, संतुलन की कमी और अनुभवहीन डिफेंस टीम के सामने बड़ी चुनौती बन सकते हैं।
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