जब भी हम मार्शल आर्ट का नाम सुनते हैं, तो हमारे मन में जो सबसे पहली बात आती है वो आत्मरक्षा को लेकर है। इसके पीछे का कारण मार्शल आर्ट को आत्मरक्षा की विधा माना जाता है। इसमें खुद की सांसों पर नियंत्रण, एकाग्रता और अनुशासन के द्वारा दांव-पेच की कलाएं सिखाई जाती हैं। अक्सर ही आपने फिल्मों में देखा होगा कई हीरो मार्शक आर्ट की कलाओं का इस्तेमाल करत हैं। ब्रुस ली से लेकर जैकी चैन को दुनिया का महान मार्शक आर्ट्स एक्टर माना जाता है। भारतीय अभिनेता अक्षय कुमार, विद्युत जामवाल और टाइगर श्रॉफ जैसे कई हस्ती हैं जो मार्शल आर्ट्स के एक्सपर्ट माने जाते हैं। आपने कई बार मार्शल आर्ट्स से जुड़े हुए शब्द जैसे कराटे, तायकांडो और कुंग फू तो सुने ही होंगे। ये एक दूसरे से अलग-अलग प्रकार के स्पोर्ट्स हैं।
कुंग फू का अविष्कार
कुंग फू को दुनिया का सबसे पुराना मार्शल आर्ट माना जाता है। बताया जाता है कि इसका अविष्कार चौथी शताब्दी में हुआ था। इसके अविष्कार के श्रेय चीन को जाता है। बता दें कि चीन का शाओलिन मंदिर कुंग फू के अविष्कार के लिए सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। अगर बात करें कुंग फू नाम के शब्द के मतलब की तो ये ‘कुंग’ यानी कर्म या फिर सफलता और ‘फू’ का मतलब तेज या लगन से होता है।
कराटे का अविष्कार
मार्शल आर्ट में कराटे को सबसे लोकप्रिय कला माना जाता है। कराटे का अविष्कार जापान में हुआ था। आज के वक्त में कराटे दुनियाभर में प्रसिद्ध है। कराटे दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला है ‘करा’ और दूसरा ‘टे’। ‘करा’ का अर्थ है खाली और ‘टे’ का अर्थ है हाथ। इस शब्द के मतलब को हम जीवन जीने का पूर्ण तरीका के रूप में समझ सकते हैं।
तायकांडो का अविष्कार
इतिहासकारों के मुताबिक तायकांडो का अविष्कार 37 ईसा पूर्व साल 668 के समय में हुआ था। इसका श्रेय कोरिया को जाता है। आमतौर पर तायकांडो का मतलब हाथ और पैर चलाने की कला के साथ होता है। इसमें पंच और किक जैसी टेकनीक का इस्तेमाल होता है। वर्तमान समय में करीब 184 देशों में इसको उपयोग में लाया जाता है।