एक क्रिकेटर जिस तरह के जूते पहनता है उसका उनके प्रदर्शन पर काफी प्रभाव पड़ता है। जूतों की एक अच्छी जोड़ी उस क्रिकेटर के परिणाम को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकती है। चाहे मैच हो या एक लंबा प्रशिक्षण नेट सत्र, क्रिकेट के जूते किसी के प्रदर्शन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम देखेंगे कि क्रिकेटर स्पाइक वाले जूते क्यों पहनते हैं और ये जूते उनकी मदद कैसे करते हैं।
क्रिकेटर स्पाइक वाले जूते क्यों पहनते हैं?
वैसे तो स्पाइक्स वाले जूते कई खेलों के दौरान उपयोग में लाए जाते हैं। लेकिन क्रिकेटर्स कुछ ज्यादा ही इन जूतों का प्रयोग करते हैं। ये जूते क्रिकेट में खिलाड़ी को तेज गेंदबाजी करते वक्त, बल्लेबाजी करते वक्त और फिल्डिंग करते वक्त बहुत उपोयगी साबित होते हैं। ऐसे में स्पाइक्स के कारण खिलाड़ी को एक जगह पर स्थिर रहने में मदद मिलती है। मतलब कि खिलाड़ी के फिसलने के संभावना अन्य जूतों की तुलना में स्पाइक्स में कम होती है। जब बल्लेबाज बल्लेबाजी करता है तो इन जूतो की मदद इसके वजन को हल्का करती है। जिससे विकेट के बीच रन दोड़ने में मदद मिलती है। दूसरी तरफ गेंदबाज के लिए स्पाइक्स न केवल दोड़ने में मदद करते हैं, बल्कि उनके शरीर को चोट से बचाने का में भी बेहद अहम भूमिका निभाते हैं।

दो तरह के होते हैं स्पाइक्स
क्रिकेट के खेल में हर टीम के लिए गेंदबाजी और बल्लेबाजी दो महत्पूर्ण पहलू होते हैं। जब बात आती है इन दोनों ही प्रकार के खिलाड़ियों के जूतों की तो यहां पर गेंदबाज और बल्लेबाज एक समान के स्पाइक्स नहीं पहनते हैं। इन दोनों के जूतों में कुछ असामानताएं पाई जाती हैं। स्पाइक्स वाले जूते में दो तरह के जूते आते हैं। इसमें पहला पूर्ण आकार का होता है और दूसरा आधे आकार का होता है। गेंदबाज पूर्ण आकार के जूते पहनता है, तो वहीं बल्लेबाज आधे आकार वाले स्पाइक्स को पहनता है।
2 Comments
Pingback: These are the different equipment used by umpires in cricket
Pingback: Virat Kohli Playoffs Record: Star batsman Virat Kohli's playoff record increased the tension of Royal Challengers Bangalore.