जानिए Paris Olympics 2024 में कौन करेगा अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व?
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार आने के बाद कई देशों ने इसे मान्यता नहीं दी है, जिसके चलते अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर समय-समय पर अफगान खिलाड़ियों को समस्याएं झेलनी पड़ी है। हालांकि, वह जिस भी इवेंट में हिस्सा लेते हैं, उसमें वह तालिबान का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। अब ऐसे में सवाल यह है कि तालिबान सरकार के आने के बाद Paris Olympics 2024 में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व कौन और कैसे करेगा?
तीन पुरुषों और तीन महिलाओं की टीम Paris Olympics 2024 में करेगी अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व
तीन पुरुषों और तीन महिलाओं की एक लिंग-संतुलित टीम अगले महीने पेरिस में आयोजित होने वाले समर ओलंपिक में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व करेगी। यह तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए एक प्रतीकात्मक कदम होगा।
बता दें कि, तालिबान सरकार ने महिलाओं और लड़कियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिसकी संयुक्त राष्ट्र ने “लैंगिक रंगभेद” के रूप में निंदा की है। इसके साथ ही साथ, साल 2021 में सत्ता में आने के बाद से किसी भी देश ने तालिबानी सरकार को मान्यता नहीं दी है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय गेम्स में अफगानिस्तान की भूमिका थोड़ी कठिन हो गई है।
Paris Olympics 2024 में अफगानिस्तान की ओर से हिस्सा लेने वाली महिला एथलीट साइकिलिंग और एथलेटिक्स में प्रतिस्पर्धा करेंगी, जबकि पुरुष एथलीट तैराकी, एथलेटिक्स और जूडो में भाग लेंगे। हालांकि, अभी तक उन खिलाड़ियों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं।
अफगानिस्तान की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, दाद मोहम्मद पायेंदा अख्तरी ने एएफपी को बताया कि जूडोका को छोड़कर सभी एथलीट अफगानिस्तान से बाहर के थे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उनके नाम बता दिए जाएंगे।
सीईओ ने कहा, “चूंकि अफगानिस्तान में सभी महिलाओं के खेल निलंबित हैं, इसलिए जिन महिला एथलीटों को आगे रखा गया है, वे देश के अंदर से नहीं लाई गई हैं। ये सभी विदेश में हैं, इनका समन्वय और आयोजन आईओसी द्वारा किया जाता है।”
अफगानिस्तान के खिलाड़ी किस झंडे के नीचे खेलेंगे Paris Olympics?
अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पुराने झंडे को हटा दिया गया था, लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अभी भी अफगानिस्तान की टीम या उसके खिलाड़ी पुराने गणराज्य के काले, लाल और हरे झंडे के तहत खेलते दिखाई देते हैं। इसके अलावा, मैच शुरू होने से पहले राष्ट्रगान भी वही पुराना वाला गाया जाता है। Paris Olympics 2024 में भी अफगान एथलीट पुराने झंडे के नीचे खेलते दिखेंगे और राष्ट्रगान भी वही पुराना होगा।
IOC ने भी यह साफ कह दिया है कि इस इवेंट में तालिबान की कोई भूमिका नहीं होगी। दरअसल, तालिबान सरकार को किसी अन्य देश द्वारा मान्यता नहीं दी गई है और उसका सफेद और काला झंडा अफगान पासपोर्ट या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाली खेल टीमों की जर्सी पर नहीं दिखता है।