Paris Paralympics 2024: Who Are The Strong Medal Contenders From India In Paris Paralympics 2024
पैरालंपिक 2024 में 22 अलग-अलग इवेंट्स में 4 हजार से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इन खेलों में ब्लाइंड फुटबॉल, पैरातीरंदाजी, पैरा एथलेटिक्स, पैरा साइकलिंग और पैरा तैराकी जैसे खेल शामिल है। इस साल पैरालंपिक खेलों में कुल 549 गोल्ड मेडल के लिए मुकाबला होगा। कुछ हफ्ते पहले पेरिस ओलंपिक में इस्तेमाल किए गए कई स्थानों पर पैरालंपिक प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। बता दें कि पेरिस में प्रतियोगिता के पहले दिन 29 अगस्त को कुल 22 गोल्ड मेडल का फ़ैसला होगा।
Paris Paralympics 2024: भारत इस साल होने वाले पैरालंपिक खेलों में अब तक की अपनी सबसे बड़ी टीम भेज रहा है, जिसमें 84 पैरालंपियन शामिल हैं। टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भारत ने 54 एथलीट भेजे थे। टोक्यो पैरालंपिक खेलों का आयोजन साल 2021 में हुआ था। हालाँकि कई देश कोविड की वजह से उन खेलों में शामिल नहीं हो पाए थे। पेरिस पैरालंपिक में भारत तीन नए खेलों पैरा साइक्लिंग, पैरा रोइंग और ब्लाइंड जूडो में भी हिस्सा लेगा, जिससे भारत 12 अलग-अलग खेलों में शामिल होगा।

भारत ने साल 2021 में टोक्यों में हुए पैरालंपिक खेलों में कुल 19 मेडल जीते थे। यह भारत का पैरालंपिक खेलों में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज़ मेडल जीते थे। पदक तालिका में भारत 24वें पायदान पर रहा था।
टोक्यो में चीन 96 गोल्ड मेडल और कुल 207 मेडल के साथ पहले पायदान पर रहा था। उन खेलों में ब्रिटेन दूसरे पायदान पर था, जिसे 41 गोल्ड, 38 सिल्वर और 45 ब्रॉन्ज़ मेडल मिले थे। हाल के समय में साल 2023 के पैरालंपिक एशियन गेम्स में भी भारत का प्रदर्शन शानदार रहा था और उसने रिकॉर्ड 111 मेडल अपने नाम किए थे।
Paris Paralympics 2024: जिन खिलाड़ियों पर होगी नज़र
साल 2020 पैरालंपिक से पहले भारत को इस प्रतियोगिता में कुल 12 मेडल ही मिले थे। पैरालंपिक खेलों में भारत ने अपना पहला पदक साल 1972 के हाईडेलबर्ग खेलों में जीता था जो कि गोल्ड मेडल भी था।
उस समय पुरुषों के 50 मीटर फ्रीस्टाइल में मुरलीकांत पेटकर ने यह उपलब्धि हासिल की थी। साल 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग में मुरलीकांत गोली लगने से बुरी तरह ज़ख़्मी हो गए थे और कोमा में चले गए थे। जब होश आया तो पाया कि भारत का यह सैनिक हमेशा के लिए पैरालाइज़्ड हो गया है, लेकिन ठीक सात साल बाद 1972 में पैरालंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर मुरलीकांत पेटकर ने इतिहास रच दिया था।
Paris Paralympics 2024: पेरिस में हो रहे पैरालंपिक में शामिल हो रहे उन सभी भारतीय खिलाड़ियों को पदक का दावेदार माना जा रहा है, जिन्होंने पिछले पैरालंपिक खेलों में टोक्यो में मेडल जीता था। इसके अलावा हाल के समय में अन्य पैरालंपिक प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों से भी भारत को उम्मीदें होंगी। व्हीलचेयर ने अवनि को चलने-फिरने से भले रोक दिया हो लेकिन उनके सपनों की उड़ान को नहीं रोक पाया है।
कुछ ख़ास भारतीय खिलाड़ी जो पैरालंपिक में पदक के दावेदार माने जा रहे हैं (Paris Paralympics 2024)
अवनि लेखरा
टोक्यो 2020 में विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करने वाली अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल जीता था। 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग इवेंट में गोल्ड मेडल विजेता अवनि लेखरा पेरिस 2024 पैरालंपिक में भाग लेंगी। पैरा शूटर अवनि लेखरा पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पैरालंपिक्स में गोल्ड मेडल जीता है। अवनि 2021 के लिए बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवीमेन ऑफ़ द ईयर की नॉमिनी भी रही हैं।
10 साल की उम्र में उनका ऐक्सिडेंट हो गया था और वो तब से व्हीलचेयर पर हैं। पैराशूटिंग ने उन्हें जैसे एक नई ज़िंदगी दी। बावजूद इसके कि जिस शूटिंग रेंज पर वो जाती थीं वहाँ विकलांग खिलाड़ियों के लिए रैंप तक नहीं था, वो रैंप उन्होंने ख़ुद लगवाया था। शुरू-शुरू में उन्हें और उनके माता-पिता को ये भी नहीं मालूम था कि पैरा शूटर्स के लिए जो ख़ास किस्म के उपकरण चाहिए वो कैसे और कहाँ से मिलेंगे।
सुमित अंतिल

टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले सुमित अंतिल पर इस बार भी सबकी नज़र होगी। जेवलिन थ्रो में पुरुषों के भाला फेंक प्रतियोगिता में सुमित अंतिल अपना ख़िताब बचाने के लिए उतरेंगे। उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में 68.55 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था। वह दो बार के विश्व चैंपियन भी हैं और 25 साल के इस एथलीट के नाम विश्व रिकॉर्ड भी है।
सुमित ने पहली बार 2023 विश्व चैंपियनशिप में विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जहां उन्होंने 70.83 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने हांगझोऊ में एशियन पैरा गेम्स में 73.29 मीटर का थ्रो फेंककर अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा था और गोल्ड मेडल पर कब्ज़ा किया था। बता दें कि, सुमित और भाग्यश्री जाधव 28 अगस्त से पेरिस पैरालिंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक होंगे।
कृष्णा नागर
कृष्णा नागर ने पिछले पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन के पुरुषों के सिंगल मुक़ाबले में गोल्ड मेडल जीता था। इस बार भी कृष्णा मेडल के प्रबल दावेदार हो सकते हैं।
भाग्यश्री जाधव

भाग्यश्री जाधव ने एशियन पैरा गेम्स में एफ़ 34 श्रेणी में महिलाओं की शॉट पुट में सिल्वर मेडल जीता था। उन्होंने मई में पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की एफ़ 34 शॉट पुट में भी सिल्वर मेडल जीता था। उन्होंने टोक्यो 2020 में भी भाग लिया था और सातवें स्थान पर रही थीं।
सुहास यतिराज
सुहास यतिराज ने टोक्यो में हुए पिछले पैरालंपिक खेलों में बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीता था। वो 2007 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी भी हैं। इस समय रैंकिंग में वो दुनियाभार में पहले पायदान पर हैं। पेरिस पैरालंपिक में सुहास मेन्स सिंगल्स और मिक्स्ड डबल्स में भाग लेंगे।
भारत के सबसे सफल पैरालंपिक खिलाड़ी

साल 2016 के रियो पैरालंपिक में भारत ने दो गोल्ड मेडल, एक सिल्वर और एक कांस्य पदक जीता था। साल 2016 में गोल्ड मेडल जीतने वाले देवेंद्र झाझरिया ने साल 2004 के एथेंस पैरालंपिक खेलों में भी गोल्ड मेडल जीता था। इस तरह से वो भारत के सबसे सफल पैरालंपिक खिलाड़ी हैं। जबकि साल 1984 में न्यूयॉर्क के पैरालंपिक खेलों में जोगिंदर सिंह बेदी ने एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज सहित कुल तीन मेडल जीते थे।
Paris Paralympics 2024: जोगिंदर सिंह बेदी पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए अब तक के सबसे ज़्यादा मेडल जीतने वाले खिलाड़ी भी हैं। मजे़दार बात है कि, उन्होंने तीन खेलों में क़िस्मत आज़माई थी इनमें से भाला और चक्का फेंकने में उन्हें ब्रॉन्ज मिला था, तो गोला फेंकने में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था।

सामान्य खेलों की तरह पैरा गेम्स में चुने जाने के लिए भी एक न्यूनतम योग्यता मानदंड (एमईसी) होता है। जैसे शॉटपुट में 10 मीटर और जेवलिन थ्रो में 40 मीटर जैसा एक लक्ष्य निश्चित किया जाता है। इंटरनेशनल पैरालंपिक कमेटी (आईपीसी) ये मानक तय करती है, लेकिन ये ज़रूरी नहीं कि अगर खिलाड़ी ने इस लक्ष्य को हासिल कर लिया तो उसे क्वालीफ़ाइड मान लिया जाएगा।
Paris Paralympics 2024: आईपीसी हर एक देश को एक कोटा देता है और उससे ज़्यादा खिलाड़ी भाग नहीं ले सकते। अगर कोटे से अधिक ख़िलाड़ी एमईसी हासिल कर लें, तो हर देश उन खिलाड़ियों के बीच फ़ाइनल सेलेक्शन ट्रायल करवाता है।
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