हमारे जीवन में कोई भी कार्य असंभव नही है, हम जो भी चीजें सोच सकते हैं यकीनन उसे हासिल भी कर सकते हैं। बस बात होती है तो केवल अपने हुनर को पहचानने की। “ लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत,मजबूत इरादा और धैर्य के साथ खुद पर अटूट विश्वास” रखने से किसी भी मंजिल को आसानी से हासिल किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही अब पंजाब की बेटी ने कर दिखाया है। बीते एक दो हफ्तों के अंदर हर जगह सिफ्त कौर समरा की ही चर्चा हो रही है। पंजाब की रहने वाली इस खिलाड़ी ने एशियाई खेलों में भारत का नाम रोशन किया था। सिफ्त कौर समरा ने हांग झोऊ एशियाई खेलों में 50 मीटर थ्री पोजीशन राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता। सिफ्त कौर इससे पहले मेडिकल की पढ़ाई कर रहीं थीं। उन्होंने बाद में मेडिकल की पढ़ाई को छोड़ दिया और शूटिंग में करियर बनाने के लिए गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से फिजिकल एजुकेशन से बैचलर्स की पढ़ाई करने लगी। पढ़ाई के दौरान सिफ्त कौर ने राइफल शूटिंग के लिए मेहनत करनी शुरू करी और लगातार कड़ी मेहनत के बल पर भारत के लिए एशियाई खेलों में खूब नाम कमाया।
एमबीबीएस में दाखिला, फिर बदला फैसला
भारत की सिफ्त कौर आज पूरी दुनिया में अपनी एजुकेशन क्वालिफिकेशन के लिए काफी चर्चा में हैं। दरअसल, उन्होंने साल 2021 में नीट की परीक्षा पास कर ली थी और उनका चयन भी हो गया था। उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए फरीदकोट के जीजीएस मेडिकल कालेज में एडमिशन करा लिया था। उसी बीच सिफ्त कौर के मन में अपने करियर को लेकर सवाल आने लगा जिसके बाद उन्होंने काफी विचार विमर्श करके उन्होंने निर्णय लिया कि मुझे अब शूटिंग में करियर बनाना चाहिए। उसी समय कौर ने अपना करियर बनाने का निर्णय लिया और आज पूरी दुनिया में अपने हुनर से सबके दिलों पर राज कर रही हैं। बता दें कि जब सिफ्त कौर 9 वर्ष की थीं तभी से कौर के कजिन भाई ने उनको खेल – खेल के माध्यम से से शूटिंग से परिचय करा दिया था। सिफ्त को भी शूटिंग में रूचि आने लगी थी और उन्होंने समय – समय पर इसके लिए समय निकालकर अभ्यास करती रहती थीं।
एजुकेशन को लेकर चर्चा में कौर
भारत की इस बेटी ने अपना जलवा पूरे विश्व में बिखेर रखा है। पंजाब की इस लड़की ने पूरी दुनिया में अपनी एजुकेशन क्वालिफिकेशन को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है। उसका कारण यह है कि सिफ्त कौर ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़ कर शूटिंग में करियर बनाया। सिफ्त कौर ने अपनी लगन और कड़ी मेहनत के बल पर भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता और देश का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया था। सिफ्त कौर ने इससे पहले हांग झोऊ एशियाई खेलों में 50 मीटर थ्री पोजीशन राइफल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर सभी को हैरान कर दिया था। सिफ्त कौर समरा ने गोल्ड मेडल जीतने के साथ ही नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है। उन्होंने ने शूटिंग में 469.6 का स्कोर बनाया है जो पिछले रिकॉर्ड से 2.6 अंक ज्यादा है। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने केवल 22 साल की उम्र में ये रिकॉर्ड बनाया है। सिफ्त का सपना है कि वो पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतें और पिछले कुछ सालों से पड़े हुए सूखे को भी ख़त्म करना करें।
ओलंपिक से पहले लिया ट्रायल में हिस्सा
पेरिस ओलंपिक से पहले सिफ्त कौर ने दिल्ली और भोपाल में चार चरणों वाले ओलंपिक चयन ट्रायल में हिस्सा लिया था। सिफ्त ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन की 4 स्पर्धाओ में से तीन में जीत दर्ज की और पेरिस ओलंपिक से पहले अपने तैयारी को और पुख्ता कर रही हैं। सिफ्त ने ट्रायल में जो प्रदर्शन दिखाया वह उनके लिए आने वाले मैच और पेरीस ओलंपिक के लिए लाभदायक रहेगा। शूटिंग के लिए बहुत अधिक मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है और भारतीय सन्दर्भ में इसे और भी कठिन बना देता है। शूटिंग मे पिछ्ले कुछ समय से भारत का हाथ खाली रहा है लेकिन आने वाले समय में उम्मीद है कि इस बार शूटिंग में भारत की झोली में गोल्ड मेडल आ सकता है। सिफ्त कौर का कहना है कि सोशल मिडिया पर शूटिंग प्रसंसक उन्हें बता रहें हैं कि वो अच्छा कर रही हैं और वो पेरिस ओलंपिक में भी भारत के लिए गोल्ड मेडल लाएंगी। अभी पेरिस ओलंपिक के लिए करीब दो महीनें बचे हुए हैं और उससे पहले कई सारे मैच खेलने को मिलेंगे। सिफ्त कौर के साथ-साथ और भी खिलाड़ियों को अपनी तैयारी को और भी पुख्ता करने का शानदार मौका है।
ये भी पढ़ें: एलिस पेरी की बायोग्राफी, रिकॉर्ड्स, उम्र, लंबाई और करियर
1 Comment
Pingback: T20 World Cup 2024: Australia showed its class before T20 World Cup 2024, defeated Namibia by 7 wickets