Top 10 MMA Academies Of India And Know How To Make a Great And Successful Career
MMA के नाम से मशहूर, मिक्सड मार्शल आर्ट दुनिया के सबसे पुराने युद्ध खेलों में से एक है। इसकी शुरुआत ग्रीस, चीन और भारत जैसे देश में हुआ और समय के साथ इसमें कई ऐसे फाइटर निकल कर सामने आए जिन्होंने अपनी कला से फैंस को अपनी ओर आकर्षित किया। 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में, MMA को इसके अपडेटेड वर्जन के साथ पेश किया गया था। इसने कई विषयों से क्रास ट्रेनिंग और तकनीकों को अपनी फ्रीस्टाइल में शामिल किया।
हाल ही के वर्षों में MMA ने खुद को कई हाइब्रिड स्टाइल में भी पेश किया है। ब्राजीलियन जिऊ जित्सू और जूडो उनमें से दो हैं जो ग्राउंड फाइटिंग और सबमिशन पर अधिक जोर देते हैं। यह 1993 की बात है जब अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप (UFC) की स्थापना की गई थी और साथ ही एमएमए के आधुनिक युग की शुरुआत हुई।

इस खेल के नियम तब तक विकसित होते रहे जब तक कि UFC ने फाइटर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियम और कानून लागू नहीं किए। उसके बाद से धीरे धीरे UFC ने अपनी लोकप्रियता पूरे विश्व में हासिल कर लिया। आज यह एक ऐसा वैश्विक घटना बन गई है।
इसे लेकर युवाओं में काफी उत्सुकता बढ़ी है। एक खेल के रूप में MMA सीखने और अभ्यास करने की बढ़ती मांग ने UFC को अधिक तकनीकी और रणनीतिक लड़ाई शैलियों को विकसित करने के लिए प्रेरित किया। इससे बेलेटर, वनचैंपियनशिप और प्रोफेशनल फाइटर लीग (PFL) जैसे विभिन्न प्रचार और संगठन बनाए गए।
इस खेल को दिनचर्या में भी कर सकते हैं शामिल
दुनियाभर से उभरने वाली नई प्रतिभाओं और लाखों प्रशंसकों के समर्थन के साथ MMA आने वाले समय में भी चमकता रहेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं यह खेल आपके दैनिक दिनचर्या में भी शामिल किया जा सकता है जिससे आप हमेशा स्वस्थ और मजबूत शरीर के मालिक बन जायेंगे।

जिमिंग, योग, जुंबा और नृत्य जैसी विभिन्न फिटनेस गतिविधियां नीरस हो सकती हैं लेकिन MMA में एक गतिशील दृष्टिकोण है जो न केवल आपके शरीर को बल्कि आपके दिमाग को भी उत्तेजित करता है। आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि भारत की वो टॉप 10 MMA एकेडमी कौन सी है जहां आप ट्रेनिंग पूरी करके अपने सपने को साकार कर सकते हैं।
अभ्यास के पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान
किसी भी एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले खिलाड़ियों को अपने शरीर को गर्म करने के लिए वार्मअप की कुछ गतिविधियों को जरूर करना चाहिए। जैसे कि आप रस्सी कूद सकते हैं क्योंकि इसको करने से कार्डियोएक्सरसाइज के साथ साथ चपलता, गति और समन्वयन का संयोजन होता है।
शुरुआती दौर में 1 मिनट तक सीधे रस्सी कूदना चाहिए और बीच में 1 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए और इसे 5 बार दोहराना चाहिए। धीरे धीरे जब आप इसमें निपुण हो जाएं तो आप इसे बढ़ा भी सकते हैं।
शैडोबॉक्सिंग

जब आप रिंग में अपने किसी साथी के साथ मिलकर अभ्यास कर रहे हैं और रिंग के चारों ओर घूमकर मुक्के से लगातार प्रहार कर रहे हैं तो इसमें कई फायदे आपको मिलते हैं जैसे कि आप अपने फुटवर्क और पंचिंग पावर में वृद्धि ला सकते हैं। 5 मिनट की शैडोबॉक्सिंग और एक मिनट का आराम आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है।
हैवी बैग वर्क

हैवी बैग वर्क के लिए भी आपके शरीर में उच्च लेवल की ऊर्जा होनी चाहिए। यह आपको बहुत सारे लाभ प्रदान करता है, यह आपके पंचिंग पावर को स्ट्रॉन्ग बनाता है और तनाव को दूर करने में भी मदद करता है।
आप पंचिंग और किकिंग को एक साथ कर सकते हैं लेकिन आप पहले तय कर ले कि आप 5 मिनट के लिए तेज गति और उच्च मात्रा में हैवी बैग वर्क को करें और इसे तीन बार दोहराएं। बीच में आप 1- 1 मिनट का ब्रेक लेना ना भूलें।
बर्न आउट राउंड

यह एक्सरसाइज आपके और बैग के बीच अंतिम और तेज गति वाली लड़ाई है। 30- 30*5 नियम का पालन करें, यानी कि 30 सेकेंड फाइट और 30 सेकेंड आराम और इसे 5 बार दोहराएं। उन 30 सेकेंड में आप जितना तेज मुक्का मार सकते हैं मारे और बाद में 30 सेकेंड का ब्रेक लें।
कोर वर्क

ऊपर बताई गई सभी एक्सरसाइज को करने के बाद अब समय है अपने कोर को मजबूत करने का। यह आमतौर पर आपके MMA वर्कआउट रूटीन के बाद एक बोनस उपकरण मुक्ति सर्किट होता है।
इस दौरान आप पुश अप, बर्पीज, माउंटेन क्लाइंबर्स और प्लैंक जैसे गतिविधियों को करे सकते हैं। सभी को 1 मिनट और 1 मिनट ब्रेक के साथ 5 बार दोहराएं। इन सभी को करने से पीठ के निचले हिस्से में दर्द के जोखिम कम हो सकतें हैं।
भारत में शीर्ष एमएमए केंद्र कौन से हैं?
- हेइक्रुजम एमएमए, मुंबई
- एमएमए दिल्ली, दिल्ली
- ब्लू ड्रैगन, बैंगलोर
- स्कूल ऑफ मार्शल आर्ट्स, बैंगलोर
- रॉयल किकबॉक्सिंग, कर्नाटक
- कॉम्बैट काइनेटिक्स, चेन्नई
- योधा कॉम्बैट मार्शल आर्ट्स, तेलंगाना
- अल्फा कॉम्बैट, कोलकाता
- डायनेमिक किकबॉक्सिंग, उत्तर प्रदेश
- फ्लैश फिटनेस , कोलकाता

भारत में एमएमए कक्षाओं की लागत क्या है?
लागत कक्षाओं की अवधि पर निर्भर करती है:
- 1 महीने की रेंज 3500 रुपये से 6000 रुपये तक
- 3 महीने की सीमा रु.7500 से रु.18000 तक
- 6 महीने की सीमा रु.12000 से रु.36000 तक
- 12 महीने की सीमा रु.14 000 से रु.38000 तक
भारत में शीर्ष एमएमए केंद्र की सूची और फीस:
संस्थान का नाम | शहर | कोर्स का नाम | अवधि | पाठ्यक्रम शुल्क |
हेइक्रुजम एमएमए | मुंबई | एमएमए | महीने के | 1 माह रु.4999,3 माह रु.11999 |
एमएमए दिल्ली | दिल्ली | एमएमए | महीने के | कक्षा 12 1 माह रु.6000, कक्षा 36 90 दिन रु.18000 |
ब्लू ड्रैगन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स | बैंगलोर | एमएमए | महीने के | रु.3500,
त्रैमासिक रु.7500, 6 महीने |
मार्शल आर्ट्स स्कूल | बैंगलोर | एमएमए | महीने के | 500 रुपये |
रॉयल किकबॉक्सिंग अकादमी | कर्नाटक | एमएमए | महीने के | वयस्कों के लिए 8100 रुपये, बच्चों के लिए 5400 रुपये |
लड़ाकू गतिकी | चेन्नई | कोर कॉम्बैट एमएमए | महीने के | 3 माह रु.14999, 6 माह रु.21999 |
योधा कॉम्बैट मार्शल आर्ट्स | हैदराबाद | एमएमए | महीने के | समूह रु.3000 |
अल्फा ओमेगा कॉम्बैट | कोलकाता | एमएमए | महीने के | रु.700,
6 माह रु.7200, |
गतिशील किकबॉक्सिंग | नोएडा | एमएमए | महीने के | रु.17,700 प्रति तिमाही
6 महीने रु.35,400 |
फ्लैश फिटनेस | कोलकाता | एमएमए | कक्षावार | रु.4250/12 कक्षाएं |
भारत में एमएमए कक्षाओं की अवधि कितनी है?
भारत में एमएमए कक्षाओं की औसत अवधि 1 माह, 3 माह, 6 माह और 12 माह है क्योंकि कक्षाएं मासिक आधार पर प्रदान की जाती हैं।

भारत में मिश्रित मार्शल आर्ट प्रशिक्षक का वेतन कितना है?
भारत में मार्शल आर्ट प्रशिक्षक का औसत वेतन 12,567 रुपये प्रति माह है।
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